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कोरोना काल में सावधानी बरते गर्भवती महिलाएं, ये रखें ध्यान Aligarh News

कोविड-19 के दौर में भी स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं की सेहत का पूरा ख्याल है । गर्भवती व गर्भस्थ शिशु पर कोई आंच न आए इसके लिए समय-समय पर आशा कार्यकर्ता के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र पर बुलाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है ।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 02:56 PM (IST)
कोरोना काल में सावधानी बरते गर्भवती महिलाएं, ये रखें ध्यान  Aligarh News
कोविड-19 के दौर में भी स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं की सेहत का पूरा ख्याल है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  कोविड-19 के दौर में भी स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं की सेहत का पूरा ख्याल है। गर्भवती व गर्भस्थ शिशु पर कोई आंच न आए इसके लिए समय-समय पर आशा कार्यकर्ता के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र पर बुलाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है । प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत हर माह की नौ तारीख को गर्भवती की जांच पूर्ण की जा रही। महिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित महिलाओं की डिलीवरी की सुविधा है। 

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ध्‍यान रखें संक्रमित महिलाएं

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. एसपी सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए । ऐसे में अपने खान-पान को लेकर अपनी दिनचर्या में भी बदलाव लाना होगा । वह बाहर से आने वाले लोगों से नहीं मिले तो ज्यादा ठीक रहेगा, अगर मजबूरी है तो मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करें । इस समय जितना अपने मन को खुश रखें यह उसके और गर्भस्थ शिशु के लिए बेहतर होगा । 

कोरोना संक्रमित होने पर प्रोटोकाल का पालन करें

डा. सिंह ने बताया गर्भवती महिला अगर कोरोना संक्रमित हो जाती है, तो उसे प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए। वे सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें और किसी भी व्यक्ति से ना मिले। घर में छोटे बच्चे हैं तो उनसे भी दूरी बनाकर रखें। डाक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें। काढ़ा और स्टीम भी लेते रहें। तनावमुक्त होकर उपचार कराएं।  

हाई ब्लड प्रेशर घातक 

मोहनलाल गौतम राजकीय महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. रेनू शर्मा ने बताया कि किसी महिला को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो ऐसे में उसे अपनी गर्भावस्था के दौरान सचेत रहने की बहुत जरूरत है। कई बार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हाइपरटेंशन की वजह से झटके आने लगते हैं । इसे प्री एक्लेमीशिया कहते हैं । ऐसे में जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो सकती है। इसका उपचार जरूरी है।  

उच्च जोखिम में सावधानी बहुत जरूरी 

उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था वह अवस्था है। जिसमें महिला या उसके भ्रूण के स्वास्थ्य या जीवन को खतरा होता है। किसी भी गर्भावस्था में जहां जटिलताओं को संभावना अधिक होती है, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में रखा जाता है इस तरह की गर्भावस्था को प्रशिक्षित चिकित्सक की विशिष्ट देखभाल की आवश्यकता होती है। घर में यदि कोई सदस्य कोरोना संक्रमित है तो गर्भवती के संपर्क में न आएं। खानपान की रूटीन का पालन करना जरूरी है । डाइट में विटामिन को जरूर शामिल करें जिससे कि डाइट लेने में किसी प्रकार की समस्या ना हो ऐसे में तेल, घी और मसालेदार खाने से परहेज करें ।

ऐसे रखें ख्याल 

- संतुलित आहार लें। 

- डाइट में विटामिन शामिल करें

- तेल, घी मसालेदार खाने से परहेज़ करें 

- बुखार होने पर घबराएं नहीं

- इम्युनिटी का विशेष खास ख्याल

- कोरोना के लक्षण है तो तुरन्त डाक्टर से संपर्क करें

- पैरासिटामोल, विटामिन सी, फोलिक एसिड, जिंक और बी कांप्लेक्स दवा जरूर रखें

- हर दिन हल्का व्यायाम जरूर करें

- तनाव न लें। 


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