मुफलिसी में बीमारी खा गई जमीन
सरकारी योजनाओं का भी नहीं पहुंच रहा लाभ।
अलीगढ़ : बीमारी ऐसा घेरा कि एक परिवार के मुखिया का सबकुछ खत्म हो गया है। इलाज में जमीन बिक गई। घर भी गिरवी रखा हुआ है। परिवार को दोनों वक्त की रोटी तक के लाले हैं। बर्बादी देखकर पीड़ित ने खुदकशी का प्रयास तक किया, लेकिन यह देखकर घरवाले भी मरने को तैयार हो उठे। आखिरकार यह फैसला टल गया। लेकिन, कब तक? सवाल यह है कि सरकारी मदद की योजनाएं फाइलों से बाहर आकर जरूरतमंदों तक कब पहुंच पाएंगी? खास बात यह है कि छर्रा इलाके में कई लोग पीड़ित हैं, लेकिन अधिकारी कारगर कदम नहीं उठाते हैं।
दर्दभरी हकीकत
यह कहानी है, सिहावली निवासी राजवीर (55) की। वो कभी चालक हुआ करते थे। दो बड़ी बेटियों वर्षा व भारती की शादी कर चुके हैं। पत्नी गीता देवी आशा कार्यकर्ता हैं। रोहित (17), बबली (15), मौनी (12) व कपिल (8) के साथ जिंदगी आराम से कट रही थी। तभी, एक साल पहले राजवीर सिंह की तबीयत खराब रहने लगी। जांच में मुंह का कैंसर निकला। बीमारी के इलाज में कुछ जमीन भी बिक गई और मकान भी गिरवी रखना पड़ गया। बेटा रोहित को पढ़ाई छोड़कर छर्रा में ही एक दुकान पर काम करने लगा।
पड़ोसियों की मदद से भरता है पेट
परिजन बताते हैं कि किसी-किसी दिन घर में चूल्हा तक नहीं जलता। पड़ोसियों की मदद से बच्चों को पेट भरता है। ताजा हालात और बीमारी से तंग आकर कुछ रोज पहले राजवीर ने घर में ही फंदा बनाकर खुदकशी का प्रयास किया। तभी, पत्नी व बच्चों की नजर पड़ गई। वो भी खुद को खत्म करने को तैयार हो गए। छोटे बेटे के रोने की आवाज सुनकर पड़ोसियों ने मंजर देखा तो सबकी आंखें भर आई। राजवीर का घर कच्चा है और अभी छप्पर ही पड़ा है। प्रधान ने शौचालय जरूर बनवा दिया है। आवास के लिए आवेदन किया, लेकिन मिल नहीं सका।
मजदूर भी आया बीमारी की चपेट में
छर्रा इलाके के ही गांव भमोरी बुजुर्ग के रामखिलाड़ी (41) भी कैंसर की चपेट में आ गए हैं। वह कभी फेरी लगाकर तो कभी मजदूरी करके पत्नी व तीन बच्चों का पालन पोषण करते थे। करीब पांच महीने पहले बीमार पड़े तो जांच में मुंह का कैंसर निकला। उनका गला जाम होने लगा है। परिजनों ने ब्याज पर पैसे लेकर जगह-जगह इलाज कराया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। अब पैतृक मकान भी गिरवी रखकर इलाज करा रहे हैं। रामखिलाड़ी व उनके परिजन चाहते हैं कि सरकार कुछ मदद करे तो उनका इलाज संभव हो सके।
स्वस्थ्य विभाग चौकन्ना
कैंसर पीडि़त परिवारों के बारे में जानकारी दैनिक जागरण से जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के अफसर चौकन्ना हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांवों में भ्रमण किया और बीमारी के संबंध में जानकारी की। हालांकि गांव में लेखपाल दौरा कर चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है।