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MRI in Deendayal Hospital Aligarh: गरीबों को मुफ्त एमआरआइ के लिए करना होगा इंतजार, ये है वजह

उत्‍तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में सरकारी कवायद के नाम पर चार साल गुजार दिए गए लेकिन स्वास्थ्य विभाग दीनदयाल अस्पताल में मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआइ) जांच शुरू नहीं कर पाया। महंगी जांच होने के कारण हर कोई बाहर से एमआरआइ करा भी नहीं सकता।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 10 Nov 2021 09:48 AM (IST)Updated: Wed, 10 Nov 2021 09:48 AM (IST)
MRI in Deendayal Hospital Aligarh: गरीबों को मुफ्त एमआरआइ के लिए करना होगा इंतजार, ये है वजह
स्वास्थ्य विभाग दीनदयाल अस्पताल में मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआइ) जांच शुरू नहीं कर पाया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। MRI in Deendayal Hospital Aligarh: उत्‍तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में सरकारी कवायद के नाम पर चार साल गुजार दिए गए, लेकिन स्वास्थ्य विभाग दीनदयाल अस्पताल में मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआइ) जांच शुरू नहीं कर पाया। जबकि, करीब दो साल लाखों खर्च करके नया भवन तो बना दिया गया, मशीन आज तक नहीं लगी। जबकि, संबंधित फर्म के इंजीनियर कई बार यहां आकर सर्वे कर चुके हैं। जनपद के किसी सरकारी अस्पताल में एमआरआइ की सुविधा न होने से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त गरीब मरीजों की जांच तक नहीं पा रही। महंगी जांच होने के कारण हर कोई बाहर से एमआरआइ करा भी नहीं सकता। पता नहीं गरीबों को मुफ्त एमआरआइ के लिए कब तक इंतजार करना पड़ेगा।

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यूपी हैल्‍थ सिस्‍टम स्‍ट्रेंथनिंग

एमआरआइ स्कैन का इस्तेमाल मस्तिष्क, हड्डियों व मासपेशियों, साफ्ट टिश्यू, चेस्ट, ट्यूमर कैंसर, स्ट्रोक, डिमेंशिया, माइग्रेन, धमनियों के ब्लॉकेज और जेनेटिक डिसआर्डर का पता लगाने में होता है। यूपी हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोग्राम के तहत करीब चार साल पहले दीनदयाल अस्पताल में एमआरआइ सुविधा के लिए कवायद शुरू हुई। नवंबर 2017 में मशीन आने व दिसंबर 2017 के पहले सप्ताह से यह सुविधा पीपीपी (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप) के आधार पर शुरू होने के दावे किए गए थे, लेकिन फर्म ने मुख्य भवन में आरक्षित किए कक्ष को खारिज कर दिया। ऐसे में तीन साल पूर्व ओपीडी ब्लाक के ठीक सामने नया भवन तैयार करने का प्रस्ताव भेजा। करीब छह माह संस्तुति में लग गए। इसके बाद एक करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत हुई। यहां एमआरआइ मशीन तो नहीं लगी, भवन को दूसरे कामों में जरूर इस्तेमाल किया जाने लगा है।

शासन को मशीन के लिए रिमाइंडर भेज दिया गया है। उम्मीद है कि अगले माह तक एमआरआइ मशीन लग जाएगी। इसके लगने से गरीब मरीजों को काफी फायदा होगा। एमआरआइ सुविधा न होने से उनकी बीमारी का पता नहीं लग पाता।

- डा. अनुपम भास्कर, सीएमएस।


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