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Three-pronged Panchayat elections : फिर बदलेंगे जिले के सियासी समीकरण, नए सिरे से होगा आरक्षण Aligarh news

त्रिस्तीय पंचायत चुनाव में एक बार फिर नया मोड़ आया है। हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग के प्रस्तावित आरक्षण पर रोक लगा दी है। वहीं 27 मार्च तक वर्ष 2015 के आधार पर आरक्षण प्रणाली को लागू कर पंचायत चुनाव कराने का निर्देश दिया है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 08:43 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 08:43 AM (IST)
Three-pronged Panchayat elections : फिर बदलेंगे जिले के सियासी समीकरण, नए सिरे से होगा आरक्षण Aligarh news
हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग के प्रस्तावित आरक्षण पर रोक लगा दी है।

अलीगढ़, जेएनएन : त्रिस्तीय पंचायत चुनाव में एक बार फिर नया मोड़ आया है। हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग के प्रस्तावित आरक्षण पर रोक लगा दी है। वहीं, 27 मार्च तक वर्ष 2015 के आधार पर आरक्षण प्रणाली को लागू कर पंचायत चुनाव कराने का निर्देश दिया है। ऐसे में जिले में एक फिर बार सियासी समीकरण बदलने के अासार हैं। अगर जानकारों की मानें तो इस फार्मूले से जिले में प्रस्तावित आरक्षण के मुकाबले बड़ी संख्या में सीटें बदलने का अनुमान है। इसी के चलते आपत्ति दर्ज कराने वालों के चेहरे खिले हुए हैं। प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य के साथ ही जिला पंचायत सदस्य व ब्लाक प्रमुख के आरक्षण में बदलाव होना तय है। विभागीय अफसर अब आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद पहल शुरू कर दी जाएगी। 

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दो मार्च को जारी हुआ था प्रस्‍तावित आरक्षण

पंचायत चुनाव के लिए पिछले दिनों शासन स्तर से 1995 के बाद पांच चुनावों के आधार पर आरक्षण जारी करने के निर्देश पंचायती राज विभाग को दिए गए थे। ऐसे में दो मार्च को इसके लिए प्रस्तावित आरक्षण जारी किया था। चार से आठ मार्च तक दावे व आपत्तियां मांगे गए। इस पर आपत्तियों की झड़ी लग गईं। पहली बार लोगों ने इतनी बड़ी संख्या में आपत्ति दर्ज कराई। पूरे जिले से 2015के मुकाबले दोगुनी यानि कुल 581 आपत्तियां आईं। इनमें प्रधान पद के लिए 512, जिला पंचायत सदस्य के लिए 34 व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 33 आपत्तियां शामिल थीं।

गड़बड़ा गया था सिसायी गणित

जिले के प्रस्तावित आरक्षण से जिले में कई दिग्गजों के गणित बिगड़ गए थे। दावेदार महीनों से तैयारियां में लगे थे, लेकिन इनकी सीट दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित हो गई है। एेसे में इनकी मेहनत पर पानी फिर गया। ऐसे ही दावेदारों ने आपत्तियां लगाई थीं। प्रधान पद के लिए जहां कम आबादी वाले वर्गों के लिए सीट आरक्षित हो गई थीं, वहीं जिला पंचायत में क्रमांक के हिसाब से आरक्षण बदला था। ऐसे में सबसे अधिक आपत्तियां इन्हीं की थी। 

अब इस आधार पर आरक्षण

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अब 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण का चक्रानुक्रम पूरा करने का आदेश दिया है। ऐसे में ब्लाक की आबादी के हिसाब से 2015 के आरक्षण के आधार पर आरक्षण तय होगा। ऐसे में अब जिले के ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य समेत सभी पदों पर आरक्षण में बदलाव होना तय है। इससे फिर एक बार सियासी समीकरण बदलने तय हैं। 

वोट बैंक में सीटें बदल गईं

प्रस्तावित आरक्षण से सबसे अधिक निराश सत्ताधारी पार्टी के ही कार्यकर्ता थे। तमाम कार्यकर्ताओं ने तो इसी के चलते खिलाफ में आपत्ति लगाई हैं। भाजपा के मूल वोट बैंक में सीटें बदल गई थीं। कुछ नेताओं ने भी इसकी शिकायत शासन में की थी। 

जिले में इन पदों पर होता है चुनाव  

ग्राम पंचायत सदस्य, 10973 

ग्राम प्रधान, 867 

क्षेत्र पंचायत सदस्य, 1126 

ब्लाक प्रमुख, 12 

जिला पंचायत सदस्य, 47  

इनका कहना है 

शासन से अभी इस संबंध में कोई भी आदेश नहीं मिला है। जैसे ही आदेश आएगा, तत्काल उस पर अमल किया जाएगा।  

पारुल सिसौदिया, डीपीआरओ 

आरक्षण का स्वागत 

जिला पंचायद सदस्य वार्ड नंबर 17 के निवासी कर्मवीर सिंह अत्री ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि, प्रस्तावित आरक्षण जनहित में नहीं था। अब कोर्ट ने जाे फैसला सुनाया है, वह स्वागत योग्य है। अब 2015 के आधार पर नया आरक्षण बनेगा।


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