जवां के फरियादी के साथ गए थे वकील अजय, एसएसपी से नहीं मिलने दिया Aligarh news
पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद भी आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया। इसी से खफा स्वजन बुधवार को गोली लगने से घायल नरेश को चारपाई पर डालकर एसएसपी दफ्तर पहुंच गए।
अलीगढ़, [जेएनएन]। जवां के फरियादी के साथ पहुंचे अधिवक्ता को एसएसपी कार्यालय के बाहर रोकने पर बुधवार को बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने स्पष्ट हिदायत दी कि अगर अधिवक्ताओं को एसएसपी से मिलने से रोका गया तो पुलिस को भी कोर्ट में घुसने नहीं देंगे। पुलिस इस तरह का माहौल पैदा ना करे।
जवां के गांव पोहिना में पांच जुलाई को पौधे लगाने को लेकर विवाद हुआ था। इसमें नरेश पचौरी व उनकी मां रेनू पचौरी को गोली लगी थी। नरेश की हालत अब भी गंभीर है। आरोपित पड़ोस के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद भी आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया। इसी से खफा स्वजन बुधवार को गोली लगने से घायल नरेश को चारपाई पर डालकर एसएसपी दफ्तर पहुंच गए। साथ में अधिवक्ता अजय सिंह भी थे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गेट पर रोक लिया। अधिवक्ता ने परिचय दिया। फिर भी उन्हें एसएसपी से मिलने नहीं दिया गया। घायल की पत्नी व ताऊ जयप्रकाश को अंदर जाने दिया गया। अधिवक्ता के मुताबिक, इस मामले की कई बार शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसे लेकर गेट पर ही पुलिसकर्मियों से जिरह भी हुई। उनसे यह तक कहा गया कि आप ही विवेचना कर लो। अंतत: उन्हें एसएसपी से नहीं मिलने दिया। अधिवक्ता ने कहा कि पुलिस ने फिर कोई कार्रवाई नहीं की है। बल्कि फरियादियों की बात नहीं सुनी। चारपाई पर ले जाने को ड्रामा करार दिया।
कोई मरेगा, तब कार्रवाई करेगी पुलिस
ताऊ जयप्रकाश के मुताबिक, आरोपितों ने डॉक्टरों से सांठगांठ करके फर्जी रिपोर्ट तैयार की है और अब उल्टा उनके खिलाफ रिपोर्ट करवाने की फिराक में है, लेकिन पुलिस ने फिर से आश्वासन देकर लौटा दिया है। युवक की पत्नी अंजली ने कहा कि चार दिन पहले भी आई थीं, तब भी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। आरोपित फरार हैं। जब कोई दूसरा व्यक्ति मर जाएगा, क्या तब पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार करेगी? इसके बाद पीडि़तों ने दि अलीगढ़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गणेश कुमार शर्मा के समक्ष भी बात रखी। उन्होंने पीडि़त को कार्रवाई का आश्वासन दिया। अधिवक्ता को ना घुसने देने पर अध्यक्ष ने कहा कि यदि कोई अधिवक्ता किसी पीडि़त के साथ उसका पक्ष रखने के लिए एसएसपी से मिलने जाता है और उसे गेट पर रोका जाता है तो ये सरासर गलत है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि पीडि़त को न्याय न दिलाने की मंशा से अधिवक्ता को अलग किया जा रहा है। उन्होंने पुलिस को हिदायत दी कि ऐसे अधिवक्ताओं को रोकेंगे तो हम भी किसी पुलिस वाले को कोर्ट में नहीं घुसने देंगे। उन्होंने ये भी कहा कि आरोपित ने कैसे फर्जी डॉक्टरी रिपोर्ट बनवा ली और झूठा मुकदमा दर्ज कराना चाहता है। संबंधित डॉक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
कोरोना से कर रहे बचाव
एसएसपी मुनिराज का कहना है कि अधिवक्ता को रोका गया, इस बात की मुझे जानकारी भी नहीं है। इन दिनों कोरोना से बचाव को देखते हुए फरियादी के साथ एक व्यक्ति को आने की अनुमति है। जवां से फरियादी आए थे। दो लोगों ने मुलाकात की। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। दीवानी परिसर अधिवक्ताओं का परिक्षेत्र जरूर है, लेकिन किस आधार पर पुलिस को रोका जाएगा? मुल्जिमों को लाने व ले जाने के लिए जरूरत पड़ेगी तो पुलिस जाएगी।