ध्रुवीकरण ने बढ़ाया हार-जीत का फासला
एएमयू छात्रसंघ चुनाव मे वोट प्रतिशत तो एक ही प्रतिशत बढ़ा है, लेकिन हार-जीत का दायरा जरूर बढ़ गया है।
केसी दरगढ़, अलीगढ़। एएमयू छात्रसंघ चुनाव मे वोट प्रतिशत तो एक ही प्रतिशत बढ़ा है, लेकिन हार-जीत का दायरा जरूर बढ़ गया है। एएमयू बिरादरी के नाम पर होने वाले इस चुनाव मे पहली बार परदे के पीछे राजनीतिक दखल भी दिखाई दिया। आखिरकार नतीजा ध्रुवीकरण तक पहुंच गया।
2016 मे एएमयू छात्र संघ मे 74 फीसद मतदान हुआ था, इस बार 75 फीसद हुआ है। तब, अध्यक्ष पद पर जीते फैज उल हसन को 7085 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे अब्दुल फराह शाजली को 4469 मिले थे। जीत का अंतर 2616 वोट का रहा था। इस साल अध्यक्ष बने मशकूर अहमद उस्मानी को 9071 वोट मिले और अजय सिंह को मात्र 2352। भाजपा विधायक ठा. दलवीर सिंह के पौत्र अजय 6719 मतो से हारे। यह पहली बार था, जबकि सीधा मुकाबला गैर मुस्लिम प्रत्याशी से हुआ। इसकी सोशल मीडिया मे भी खूब चर्चा रही। पिछले चुनाव मे अध्यक्ष पद के सभी छह प्रत्याशी मुस्लिम ही थे। इस बार कुल तीन मे से दो मुस्लिम, एक गैर मुस्लिम रहा।
पिछली बार उपाध्यक्ष पद नदीम अंसारी को 4425 व रनरअप रही कहकशां खानम को 2886 वोट मिले थे। नदीम ने 1539 से जीत पाई थी। इस साल उपाध्यक्ष बने सज्जाद सुभान राथर को 5711 मत मिले। उन्होने एजाज अहमद को 3106 मतो से हराया। पिछले चुनाव मे सचिव बने नबील उस्मानी (5563) ने इमरान गाजी को 1464 मतो से हराया था। इस बार सचिव बने मोहम्मद फहद (4008) ने अदनान आमिर (3664) को 344 मतो से हराया।
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