सफर में मददगार बनकर मेहनत की कमाई लूट रहे जहरखुरान, जानिए कैसे? Aligarh news
अगर आप रोडवेज बस में सफर कर रहे हैं तो ध्यान दें कि आपके पड़ोस में बैठा सह-यात्री कुछ खाने या पीने की चीज आपको दे तो खाने-पीने से पहले थोड़ा सावधान हो जाइए। कहीं ऐसा न हो खान-पान सामग्री खिलाने वाला शख्स जहरखुरान गिरोह का कोई सदस्य हो।
अलीगढ़, जेएनएन। अगर आप रोडवेज बस में सफर कर रहे हैं तो ध्यान दें कि आपके पड़ोस में बैठा सह-यात्री कुछ खाने या पीने की चीज आपको दे तो खाने-पीने से पहले थोड़ा सावधान हो जाइए। कहीं ऐसा न हो खान-पान सामग्री खिलाने वाला शख्स जहरखुरान गिरोह का कोई सदस्य हो। खाने-पीने में कोई नशीला पदार्थ मिला हो जिसे खाते ही आप बेसुध हो जाएं और शातिर मौका लगते ही आपके पास मौजूद नकदी व कीमती सामान लेकर रफूचक्कर हो जाए।
केस - एक
कस्बा विजयगढ़ के रामअवतार पंजाब में नौकरी करते हैं। रोडवेज बस में बैठकर अलीगढ़ आ रहे थे। रास्ते में जहरखुरान ने नशीला बिस्कुट खिलाकर 25 हजार की नकदी व कीमती सामान लूट लिया।
केस - दो
चंडौस के भीमनगर के राजकुमार गुरुग्राम में नौकरी करते हैं। 15 जुलाई को घर आने के दौरान जहरखुरान का शिकार बन गए और नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाकर जेब में रखे 22 हजार, मोबाइल फोन व कीमती सामान लूट लिया।
फिर भी नहीं हो रहे जागरूक
पुलिस लगातार बसों व ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को जागरुक कर उन्हें किसी भी अंजान व्यक्ति की दी गई खान-पान सामग्री का कतई सेवन न करने की अपील की जाती है। बसों व ट्रेनों में पुलिस ने यात्रियों को जागरुक करने को पंफलेट, स्टीकर आदि लगा रखे हैं। बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर भी लगातार प्रचार किया जाता है। इसके बाद भी सफर में लोग जहरखुरान लुटेरों की मीठी-मीठी बातों के झांसे में आ जाते हैं और अपनी मेहनत की पूरी कमाई गवां बैठते हैं।
त्योहारों पर बढ़ जाती हैं वारदात
जहरखुरान त्योहारों पर बढ़ने वाली भीड़ का खूब फायदा उठाते हैं और हमेेशा टिकट लेकर चलते हैं। अधिकांश गिराेह के सदस्यों की बस स्टाफ व ट्रेन के स्टाफ से जान-पहचान होती है। इसका फायदा उठाकर वह यात्रियों का कीमती सामान बड़ी आसानी से पार कर ले जाते हैं । गिरोह ग्रामीण परिवेश वाले यात्रियों को आसानी से अपना शिकार बनाते हैं और उन्हें अपनी बातों में उलझाकर खाद्य पदार्थों के जरिए नशीला पदार्थ खिलाकर या सुंघाकर कर बेहोश कर देते हैं फिर आसानी से माल समेटकर फरार हो जाते हैं।
छह माह में 50 से अधिक घटनाएं
पिछले छह माह में अलीगढ़ -दिल्ली व कानपुर रूट पर जहरखुरान करीब 50 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं और लूटपाट कर साफ बच निकल भी भागे हैं। इसका प्रमाण जिला अस्पताल में बेहोशी की हालत में भर्ती होने वाले लोगों का रिकॉर्ड है । इन घटनाओं में पीड़ितों को राहगीर व पुलिस की मदद से भर्ती कराया गया था।
मानवीयता नहीं दिखाता बस स्टाफ
जहरखुरान गिरोह का शिकार बने बेहाश यात्रियों को रोडवेज बसों के चालक व परिचालक पुलिसिया कार्रवाई के पचड़ों में पड़ने की बजाए यात्री को एकांत वाले स्थान पर उतारकर चले जाते हैं। कई बार सही समय पर उपचार न मिलने पर यात्री की मौत भी हो जाती है। हालांकि सरकार के साफ निर्देश हैं कि ऐसी हालत में बस स्टाफ पीड़ित को ले जाकर निकटम अस्पताल में प्राथमिक उपचार को भर्ती कराए, जिससे पहले उसकी जान बच सके।
नहीं होती है कार्रवाई
इन सारी घटनाओं में से किसी भी घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है। पुलिस ऐसे मामलों में पहले तो सीमा विवाद में उलझती रहती है, फिर पीड़ितों को इधर-उधर टहलाकर इतना परेशान कर देती है कि पीड़ित खुद ही बिना कार्रवाई किए घर चला जाता है।
इनका कहना है
जहरखुरान से बचाव को समय -समय पर बसों में सफर करने वाले यात्रियों को जागरुक किया जाता है। इसके बाद भी लोग सफर में दूसरों की दी गई खान-पान सामग्री का सेवन कर लेते हैं। जिससे वे जहरखुरान का शिकार बन जाते हैं। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस अपने स्तर से अब तक कई जहरखुरान को पकड़कर जेल भेज चुकी है।
- कलानिधि नैथानी, एसएसपी