बचपन से ही तैयार किए जाएंगे खिलाड़ी, साई चलाएगा कार्यक्रम Aligarh news
स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया (साई) ने ‘खेलो इंडिया आइडेंटीफिकेशन’ कार्यक्रम पूरे देश में चलाने का फैसला किया है। पूरे देश में पांच जोन निर्धारित कर दिए गए हैं। तहसील व ब्लाकस्तर से 12 से 18 वर्ष तक की प्रतिभाओं का चयन कर खेलो इंडिया तक का सफर तय कराया जाएगा।
गौरव दुबे, अलीगढ़ । स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया (साई) ने ‘खेलो इंडिया आइडेंटीफिकेशन’ कार्यक्रम पूरे देश में चलाने का फैसला किया है। पूरे देश में पांच जोन निर्धारित कर दिए गए हैं। तहसील व ब्लाकस्तर से 12 से 18 वर्ष तक की प्रतिभाओं का चयन कर खेलो इंडिया तक का सफर तय कराया जाएगा। फिर ओलिंपिक स्तर पर प्रतिभाग करने लायक संसाधन व प्रशिक्षण खेलाे इंडिया प्रोजेक्ट के तहत इनको मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे। कार्यक्रम का मकसद बचपन से ही बेहतर खिलाड़ी तैयार करना है।
सबसे पहले इस दिशा में शूटिंग खेल में बढ़ाया गया कदम
ये व्यवस्था हर खेल के लिए बनाई गई है लेकिन शूटिंग खेल में सबसे पहले इस दिशा में कदम बढ़ाया गया है। शूटिंग के लिए नार्थजोन में नौ राज्यों को शामिल किया गया है। यहां से जमीनीस्तर से उत्कृष्ट प्रतिभाओं के चिह्नीकरण की जिम्मेदारी अलीगढ़ से अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेफरी व यूपी शूटिंग टीम मैनेजर वेदप्रकाश शर्मा को दी गई है। शामली से ओलंपियन अनवर सुल्तान (अर्जुन अवार्डी) को भी नार्थजोन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नार्थजोन में ये हैं राज्य
हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचलप्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ और राजस्थान शामिल हैं। इन राज्यों में वेद व अनवर विभिन्न क्षेत्रीय प्रतियोगिताएं कराकर प्रतिभाएं तलाशेंगे। प्रतियोगिताएं नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) के मानक के आधार पर ही हाेंगी।
पांच कंपटीशन तय, अलीगढ़ से शुरुआत
वेद प्रकाश ने बताया कि मध्य यूपी व पूर्वी यूपी में पांच स्थानों का चयन किया गया है। आगरा, अलीगढ़, इटावा, एटा व कानपुर में प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। अलीगढ़ मंडल में 12 सितंबर से प्रतियोगिता की शुरुआत कराई जाएगी। कावेरी वाटिका स्थित शूटिंग रेंज पर स्विटजरलैंड की अत्याधुनिक साइस मशीन पर प्रतियोगिता होगी। जिस पर ओलिंपिक में शूटिंग होती है।
स्काउट का खर्च देगी खेलो इंडिया
ब्लाकों व स्कूलों में प्रतिभाएं खोजने के लिए स्काउट भी रखे जाएंगे। ये स्काउट-गाइड वाले स्काउट नहीं होंगे। प्रतिभा खोज करने वाले को स्काउट नाम दिया गया है। इनको 1500 रुपये प्रतिदिन मेहनताना व अन्य खर्चे खेलो इंडिया के तहत दिए जाएंगे।
मिली बड़ी जिम्मेदारी
वेदप्रकाश शर्मा को खेलो इंडिया टैलेंट आइडेंटीफिकेशन कमेटी का सदस्य बनाया जाना भी महत्वपूर्ण है। वेद इंटरनेशनल शूटिंग स्पोट्र्स फेडरेशन जर्मनी के सर्टिफाइड कोच हैं। ज्यूरी या जज लाइसेंस रखने वाले प्रदेश के एकमात्र व्यक्ति हैं। शूटिंग में 25 वर्ष से ज्यादा अनुभव के साथ वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सेलेक्शन ट्रायल, दिल्ली यूनिवर्सिटी सेलेक्शन ट्रायल के अलावा दो सीबीएसई नेशनल में चीफ ज्यूरी की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। अखिल भारतीय व प्रदेश की प्रतियोगिताओं को पिछले 15 सालों से आयोजित करा रहे हैं।
इनका कहना है
साई के डीजी संदीप प्रधान के प्रयास से ये मुहिम सभी खेलों में शुरू की जा रही है। शूटिंग में देश में पांच जोन बनाकर कम उम्र की प्रतिभाओं को तलाशा व तराशा जाएगा। हर जोन में एनआरएआइ के एक रिप्रेजेंटेटिव रहेंगे। नार्थजोन में वेद व अनवर को जिम्मेदारी दी गई है।
राजीव भाटिया, सचिव, नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया