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फिजियोथेरेपी में भी है कोरोना का इलाज, इन बातों का रखें ख्याल Aligarh News

लोगों को सोचने और समझने के लिए मजबूर कर दिया है। लोग तमाम पैथी की ओर बढ़ रहे हैं। फिजियोथेरेपी में भी इसका इलाज संभव है। डाक्टर अनुज कुमार माहेशवरी का कहना है कि फिजियोथेरेपी के माध्यम से फेफड़ों को मजबूत किया जा सकता है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 02:58 PM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 02:58 PM (IST)
फिजियोथेरेपी में भी है कोरोना का इलाज, इन बातों का रखें ख्याल Aligarh News
लोगों को सोचने और समझने के लिए मजबूर कर दिया है। मजबूत किया जा सकता है।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना ने अब लोगों को सोचने और समझने के लिए मजबूर कर दिया है। लोग तमाम पैथी की ओर बढ़ रहे हैं। फिजियोथेरेपी में भी इसका इलाज संभव है। डाक्टर अनुज कुमार माहेशवरी का कहना है कि फिजियोथेरेपी के माध्यम से फेफड़ों को मजबूत किया जा सकता है। कुछ टिप्स हैं, जिन्हें लोगों को नियमित अपनाना पड़ेगा। फिर, जानिए कौन-कौन से हैं टिप्स

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कोरोना की दूसरी लहर ने हर किसी को डरा दिया 

कोरोना ने सबसे अधिक फेफड़े पर असर किया 

रामघाट रोड स्थित प्रेम फिजियोथेरेपी सेंटर के संचालक डा. अनुज कुमार माहेश्वरी कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर ने हर किसी को डरा दिया है। लोग सहमे हुए हैं। हालात ही कुछ इस कदर थे। देश में हर तरफ कोरोना ने कहर बरपा रखा था। ऐसी स्थिति में लोग समुचित इलाज के लिए भटक रहे थे। तमाम ऐसे लोग थे जिनके पास करोड़ों रुपये थे मगर उन्हें अस्पताल में बेड और आक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। डा. अनुज ने बताया कि फिजियोथेरेपी के माध्यम से कोरोना से बचाव किया जा सकता है। क्योंकि इस बार कोरोना ने सबसे अधिक फेफड़े पर असर किया है। इसके चलते मरीजों की अधिक मृत्यु हुई। शुक्र है कि वो कहर शांत हुआ। जिससे लोग कुछ सुकून में है, मगर अभी पूरी तरह से आप आश्वस्त नहीं हो सकते हैं। डा. अनुज कहते हैं कि यदि कोविड से आप बाहर आ गए हैं तो भी आपको फिजियोथेरेपी की जरूरत है। ऐसा नहीं कि ठीक हो गए तो आप सामान्य तरीके से जीवनयापन कर लेंगे। उसके लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। ठीक हुए व्यक्ति को तुरंत फिजियोथेरेपी करानी चाहिए, इसलिए फिजियोथेरपी के डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वो फेफड़ों की स्थिति को देखकर फिजियोथेरेपी बताएंगे। डा. अनुज कहते हैं कि यदि किसी व्यक्ति के फेफड़े अधिक प्रभावित हैं तो उसे फिर फिजियोथेरेपी से फायदा नहीं होगा। इसके लिए सबसे पहले चेस्ट फिजियोथेरेपी शुरू करनी चाहिए, जिससे मरीज की छाती में जमा बलगम बाहर निकल सके। बलगम निकलने से उसे सांस लेने में फिर दिक्कत नहीं होगी। सीने पर कई बार जकड़न से मरीज का आत्मविश्वास कम होने लगता है, जिसके चलते उसे बीमारी अपने गिरफ्त में लेने लगती है। बलगम निकलने से मरीज का आक्सीजन लेबल बढ़ जाता है। इससे मरीज को फिर सांस आदि लेने में कोई दिक्कत नहीं होती है।

क्यों जरूरी है फिजियोथेरेपी

डा. अनुज बताते हैं कि कोरोना के मरीज को फिजियोथेरेपी यूं ही नहीं जरूरत है, उसके कई कारण हैं। दरअसल, हास्पिटल में या फिर होम आइसोलेशन में रहने के बाद मरीज के शरीर में अकड़न सी आ जाती है। शरीर शिथिल हो जाता है। जिससे उसके खून का संचार आदि ठीक से नहीं हो पाता है। मरीज बीमार समझकर शांत रहता है। यह उसके लिए नुकसानदायक है। उसे किसी भी फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लेनी चाहिए, उसके दिशा-निर्देश के अनुसार काम करना चाहिए। जब पूरी तरह स्वस्थ्य हो जाएं तो उसके बाद फिर सामान्य तरीके से रह सकते हैं। डा. अनुज कहते हैं कि चिकित्सा की यह पैथी अाज के समय में जरूरी होती जा रही है। क्योंकि लोगों की दिनचर्या और खानपान बदला है। ऐसे में शरीर में शिथिलता आ जाती है। इसलिए आज के समय में फिजियोथेरेपी बहुत जरूरी हो गई है। शरीर में कहीं पर भी दर्द हो, जकड़न आदि की समस्या हो रही है तो तुरंत इलाज कराना चाहिए।


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