अलीगढ़ में भगवान विष्णु जागे, गूंजे मंगलगीत
देवोत्थान एकादशी से शुरू हो गए मांगलिक कार्य।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : देवोत्थान एकादशी पर बुधवार को देव जाग गए। इसी के साथ मांगलिक कार्य शुरू हो गए। इस बार अधिकमास होने के चलते पांच महीने बाद भगवान श्रीहरि विष्णु जागे हैं। श्रीहरि के जागने पर मंगलगीत गाकर स्वागत किया गया। मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। घरों में महिलाओं ने भगवान विष्णु को जगाया। सुख-समृद्धि की कामना की।
सुबह से ही पूजन की तैयारियां शुरू हो गई थीं। बाजार में लोगों ने गन्ना व सिघाड़ा खरीदा। अचलताल स्थित गिलहराज मंदिर, नौरंगाबाद स्थित नौदेवी और गांधीपार्क स्थित चामुंडा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मंदिरों में घंटे और शंखनाद गूंजे उठे। मंगलगीत गाए गए। भगवान विष्णु की आरती की गई। घरों में रंगोली बनाई गई। गेरू और खड़िया से घर, आंगन व द्वार सजाया गया। इसके बाद पूजा स्थल पर गन्ना, शकरकंद, मूली, सिघाड़ा, बेर, बैगन, सेब, केला, मिष्ठान रखा गया। उसे डलिया से ढकक देवों से जागने की विनती की गई। उठो देव, जागो देव, मंगल कार्य कराओ देव के साथ भगवान विष्णु की आराधना की गई। पांच महीने बाद देव के जागने पर हर ओर भगवान विष्णु के जयकारे शुरू हो गए। घरों में खुशियां मनाई गईं। दीपक से घर-आंगन को सजाया गया। मानों दीपावली जैसा उत्सव लग रहा था। बच्चों ने आतिशबाजी की। पकवान में पूड़ी, हलुआ, खीर का प्रसाद चढ़ाया गया। प्रसाद ग्रहण किया गया।
15 दिसंबर से खरमास
अधिकमास के चलते इस बार मांगलिक कार्य के लिए भी समय कम मिल पा रहा है। 15 दिसंबर से खरमास लग जाएगा। तथास्थु ज्योतिष संस्थान के प्रमुख आचार्य लवकुश शास्त्री ने बताया कि 15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ठीक एक महीने बाद नए साल में 14 जनवरी को मकर राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे। शुक्र अस्त होने के चलते शुभ कार्य नहीं हो पाएंगे। अगले साल जनवरी, फरवरी और मार्च में एक भी सहालग नहीं है। अप्रैल में भी 25 से सहालग शुरू होंगे।
गन्ने और सिघाड़े खूब बिके
पूजन के लिए बाजार में गन्ने और सिघाड़े खूब बिके। बारहद्वारी, महावीरगंज, सुरेंद्र नगर, रामघाट रोड, मैरिस रोड, रमेश विहार, कुलदीप विहार में सुबह से ही खरीदारी शुरू हो गई थी। धनीपुर मंडी पर तो खरीदारी के लिए सुबह 10 बजे तक जाम लगा रहा।
तुलसी-शालिग्राम का विवाह गांधीवाड़ा स्थित महाकालेश्वर मंदिर में तुलसी व शालिग्राम का विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया गया। विष्णु भगवान तुलसी माता के भजन गाए गए। कृष्णा गुप्ता ने मीठे रस से भी प्यारी तुलसा रानी लागे, महारानी लागे सुनाकर सभी को भक्तिरस से भर दिया। महिलाओं ने नृत्य भी किया। समाजसेवी कृष्णा गुप्ता ने कहा कि जिसके कन्या नहीं होती है या कन्या दोष है, वो देवोत्थान के दिन तुलसी विवाह कर सब दोषों से मुक्त हो जाते हैं। इसके बाद महिलाओं ने विवाह में कन्यादान किया। सुहाग की वस्तुएं भेंट की।