Hathras case : पीएफआइ-सीएफआइ सदस्यों की ऑनलाइन कोर्ट में हुई पेशी
बूलगढ़ी में बवाल के दौरान हाथरस आते समय मथुरा में पकड़े गए पीएफआइ-सीएफआइ सदस्यों की कोरोना के कारण हाथरस न्यायालय में ऑनलाइन पेशी हुई। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में रहने के आदेश दिए हैं। पुलिस उन्हें रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी देगी।
हाथरस जेएनएन : बूलगढ़ी में बवाल के दौरान हाथरस आते समय मथुरा में पकड़े गए पीएफआइ-सीएफआइ सदस्यों की कोरोना के कारण हाथरस न्यायालय में ऑनलाइन पेशी हुई। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में रहने के आदेश दिए हैं। अब स्थानीय पुलिस उन्हें रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी देगी।
यह है मामला
बूलगढ़ी में बवाल के दौरान जातीय ङ्क्षहसा फैलाने की साजिश हुई। सोशल मीडिया पर तरह-तरह के वीडियो, ऑडियो के जरिए जातीय उन्माद फैलाने के प्रयास किए गए। पीडि़ता के परिवार को 25 की बजाय 50 लाख रुपये मुआवजा दिलाने के लिए बरगलाने की जानकारी पुलिस को मिली। इसी आधार पर कोतवाली चंदपा में राष्ट्रद्रोह समेत 20 संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पिछले दिनों मथुरा में 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडियाÓ (पीएफआई) और उसके सह संगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के चार सदस्य पकड़े गए, जो हाथरस ही आ रहे थे। इस मामले में पीएफआइ का नाम आने के बाद खुफिया तंत्र अलर्ट हुआ। पकड़े गए चारों आरोपित मुजफ्फरनगर के रतनपुरी नगला निवासी अतीकुर्रहमान, केरल के मलप्पुरम निवासी सिद्दीकी, बहराइच के जरवल रोड निवासी मसूद अहमद और रामपुर के घेर फतेर निवासी आलम से पूछताछ के लिए स्थानीय पुलिस ने मथुरा जेल में बी-वारंट दाखिल किया था। इसके बाद सोमवार को चारों आरोपितों की वीडियो कांफ्रेंस से पेशी हुई। कोर्ट ने चारों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं। अब स्थानीय पुलिस उन्हें रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी देगी।