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जनता ने राजनीतिक दलों को दिखाया आइना, कोई भी दल जिले में अध्यक्ष पद के लिए हासिल नहीं कर सकता है बहुमत Aligarh news

2022 के विधानसभा चुनाव के लिए सेमीफाइनल कहे जाने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम जारी हो गए हैं। जनता ने इस बार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगे सभी राजनीतिक दलों को आइना दिखा दिया है। जिले में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 04:26 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 04:26 PM (IST)
जनता ने राजनीतिक दलों को दिखाया आइना,  कोई भी दल जिले में अध्यक्ष पद के लिए हासिल नहीं कर सकता है बहुमत Aligarh news
2022 के विधानसभा चुनाव के लिए सेमीफाइनल कहे जाने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम जारी हो गए हैं।

अलीगढ़, जेएनएन । 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए सेमीफाइनल कहे जाने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम जारी हो गए हैं। जनता ने इस बार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगे सभी राजनीतिक दलों को आइना दिखा दिया है। जिले में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। खास बात तो यह है कि सत्ताधारी पार्टी भाजपा दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकी है। वहीं, अगले चुनावों में प्रदेश में वापसी का सपना दिख रही सपा की भी यही हालात है। जनता ने इस बार सबसे अधिक निर्दलीयों पर भरोसा जताया है। यही कारण है राजनीतिक दलों के खेमों में खलबली मच गई है। कई पार्टियां तो जिला स्तरीय टीमों में बदलाव की तैयारियों में जुट गई हैं।

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जिला संगठनों ने भी झोंकी पूरी ताकल

पंचायत चुनाव के जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में राजनीति पार्टियां काफी दिलचस्पी लेती हैं। इस बार भी भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, रालोद समेत अन्य प्रमुख पार्टियाें ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। पूरे दमखम से प्रचार प्रसार किया है। माननीयों के साथ जिला संगठनों ने भी पूरी ताकल झोंक दी। चुनाव में भले ही पार्टी का सिबंल न हो, लेकिन लोकसभा और विधान सभा की तर्ज पर बाकायदा सभी दलों ने प्रचारकों की सूची जारी की। सबसे अधिक गंभीरता से सत्ताधारी भाजपा ने लिया। तमाम दिग्गज नेता जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव प्रचार में कूदे। इसके पीछे अहम वजह यह है कि भाजपा इस बार जिले के प्रथम कुर्सी पर नजर गढ़ाए बैठी है।

जनता ने नकारा

भले ही राजनीतिक दल अब परिणाम आने के बाद अपनी पीठ थपा-थपा रहे हो, लेकिन सही मायने में तो सभी दलों को जनता ने नकार दिया है। जिले में कोई भी दल अध्यक्ष पद के लिए बहुमत तो दूसर दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सका है। महज नौ सीटों के साथ भाजपा सबसे पार्टी बनी हैं, लेकिन अध्यक्ष पद के बहुमत से यह भी कोसों दूर है। जनता ने सबसे अधिक भरोसा निर्दलीयों पर जताया है। इसी कारण जिले में रिकार्ड तोड़ 16 निर्दलीय दावेदार जीते हैँ।


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