Home Isolation: होम आइसोलेशन में जल्द ठीक होगा Covid मरीज, तीमारदार इन बातों का रखे ख्याल Aligarh News
कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को अधिक सतर्क रहने की निरंतर सलाह दी जा रही है। कोरोना की पहली लहर की तुलना में इस बार अधिक लोग अस्पतालों तक पहुंच रहे हैं लेकिन हल्के या बिना लक्षण वाले कोविड मरीज घर पर रहकर भी स्वस्थ हो सकते हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को अधिक सतर्क रहने की निरंतर सलाह दी जा रही है। कोरोना की पहली लहर की तुलना में इस बार अधिक लोग अस्पतालों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन हल्के या बिना लक्षण वाले कोविड मरीज घर पर रहकर भी स्वस्थ हो सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आईसोलेशन के नियमों में बदलाव करते हुए संशोधित गाइडलाइन्स जारी की है. यद्यपि, पिछले साल 2 जुलाई को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के लक्षणविहीन व हल्के-फुल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा दी है, लेकिन अगली लहर के मद्देनजर कुछ संशोधन भी किए हैं।
तीमारदार को लेनी चाहिए हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीपी सिंह कल्याणी ने बताया कि गाइडलाइन में सभी कोविड मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह नहीं दी गई है। होम आइसोलेशन के लिए चिकित्सकीय जांच के आधार पर हल्के/ बिना लक्षण वाले मरीज के तौर पर प्रमाणित करने की जरूरत है। मरीज के घर पर सेल्फ आइसोलेशन और परिवार के लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को 24x7 आधार पर उपलब्ध रहना चाहिए। मरीज की देखभाल कर रहे व्यक्ति और करीब लोगों को चिकित्सक अधिकारी के परामर्श के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस लेनी चाहिए। वहीं, कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले यानी एचआइवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले एवं कैंसर रोग से पीड़ित लोगों को होम आइसोलेशन में नहीं रहने की सलाह दी गयी है। जबकि, 60 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे लोग जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग एवं कमजोर फेफड़े/ गुर्दे की बीमारी से ग्रसित हैं, उनमें कोरोना की पुष्टि होने पर चिकित्सक की अनुमति के बाद ही होम आइसोलेशन की सलाह दी गई है।
10 दिनों तक भरना होगा निगरानी चार्ट
सीएमओ ने कहा गाइडलाइन में होम आइसोलेशन में मरीज को 10 दिनों तक निगरानी चार्ट भरने की सलाह दी गई है। इसमें प्रत्येक दिन शरीर का तापमान, आक्सीमीटर से ह्रदय गति एवं आक्सीजन के स्तर को भरने की सलाह दी गई है। निगरानी चार्ट में ही प्रत्येक दिन की स्थिति भी भरने की बात कही गई है।
ऐसे लें सही रीडिंग
सीएमअो ने बताया कि घर पर उपचार करने वाले रोगियों को शरीर के तापमान एवं आक्सीजन लेवल की जानकारी रखना बेहद जरूरी माना गया है। इसके लिए घर में पल्स आक्सीमीटर एवं थर्मल गन रखने की सलाह दी गई है। पल्स आक्सीमीटर को चालू कैसे करें? यह सुनिश्चित करें कि स्क्रीन पर संख्या दिख रही हो। हाथ के बीच वाली उंगली को आक्सीमीटर में सही तरीके से डालें। पल्स का पता लगाने एवं स्क्रीन पर आक्सीजन के स्तर की सही रीडिंग के लिए कुछ सेकंड इंतजार करें। यदि आक्सीजन का स्तर 95 से कम होता है तो व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। गलत रीडिंग से बचने के लिए नेल पालिश लगी उंगली से जांच न करें। थर्मल गन से तापमान मापने के लिए इसे हथेली से पकड़कर छह इंच की दूरी पर रखें। तापमान को रिकार्ड करने के लिए निर्धारित बटन को दबाएं। यदि तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट है या इससे अधिक है तो इसे बुखार माना जाता है। किसी दूसरे व्यक्ति को थर्मल गन देने से पहले इसे सेनेटाइज जरूर करें।