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Aligarh Municipal Corporation : अलीगढ़ में डलावघर बनें पोखर में बने पार्क, जानिए विस्‍तार से

जल संचय का प्रमुख स्रोत पोखरों की सुरक्षा और सुंदरीकरण के लिए बनी योजनाएं परवान न चढ़ सकीं। सासनीगेट क्षेत्र की मायापुरी पोखर भी इसी अनदेखी के चलते वर्षाें पहले सूख गई। यहां प्लाट के बैनामे करा लिए मकान तक बन गए।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 07:44 AM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 07:44 AM (IST)
Aligarh Municipal Corporation : अलीगढ़ में डलावघर बनें पोखर में बने पार्क, जानिए विस्‍तार से
पोखरों की सुरक्षा और सुंदरीकरण के लिए बनी योजनाएं परवान न चढ़ सकीं।

अलीगढ़, जेएनएन। जल संचय का प्रमुख स्रोत पोखरों की सुरक्षा और सुंदरीकरण के लिए बनी योजनाएं परवान न चढ़ सकीं। सासनीगेट क्षेत्र की मायापुरी पोखर भी इसी अनदेखी के चलते वर्षाें पहले सूख गई। यहां प्लाट के बैनामे करा लिए, मकान तक बन गए। जो हिस्सा बचा है, वहां डलावघर बन चुका है। गंदगी, दुर्गंध से स्थानीय लोगों का बुरा हाल है। लोगों की मांग है कि यहां पार्क विकसित कराया जाए। प्रस्ताव भी दिया गया था, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।

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यह हैं पोखरों के हालात 

नगर निगम के रिकार्ड में 21 पाेखरें हैं। इनमें पांच सूख गईं, छह पर कब्जे हो रहे हैं। इन्हीं में एक मायापुरी पोखर भी है। चार बीघा में फैली यह पोखर कभी पानी से लबालब थी। बतखों को झुंड तैरता था। अब पोखर का दायरा सिमटता जा रहा है। लोगों ने यहां प्लाट काटकर बैनामे करा दिए। कूड़ा पड़ने लगा तो पानी भी सूखता गया। नगर निगम ने 2004 में यहां दुकानें बनवा कर किराए पर उठा दीं। इसके बाद विद्युत विभाग के दो ट्रांसफार्मर लग गए। 2020 में अमृत योजना के तहत यहां ट्यूबवेल लगा दिया गया। ट्यूबवेल भी पूरी क्षमता से पानी नहीं दे पा रहा है। पोखर का 80 फीसद हिस्सा सूखा चुका है, जहां कूड़ा-करकट जमा है। यहां रहने वाले मुकेश वर्मा ने कहा कि गंदगी और दुर्गंध के चलते पोखर के पास गुजरना मुश्किल हो जाता है। ऋषिपाल सिंह ने कहा कि यहां पार्क बन जाए तो गंदगी से निजात मिले, बच्चों को खेलने और बुजुर्गों को टहलने के लिए उचित स्थान मिल जाए। क्षेत्रीय पार्षद सुबोध वार्ष्णेय का कहना है कि पोखर के सुंदरीकरण और पार्क का प्रस्ताव कई बार बोर्ड मीटिंग में रखा गया, लेकिन अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया। नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने कहा कि पोखर का निरीक्षण कराकर इसे विकसित करने की योजना बनाएंगे।


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