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बात करेंगे माता-पिता व गुरुजन, सर्वोच्च अंक मिलेंगे बच्चों को, जानिए क्‍या है माजरा Aligarh news

कहा जाता है कि मेहनत जिसकी होती है फल भी उसी को मिलता है। मगर ऐसा कम ही सुनने में आता है कि किसी की सफलता में मेहनत किसी अन्य की हो। हालांकि विद्यार्थी जीवन में सफलता के पीछे गुरुजन व माता-पिता का हाथ तो होता ही है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 10:00 AM (IST)
बात करेंगे माता-पिता व गुरुजन, सर्वोच्च अंक मिलेंगे बच्चों को, जानिए क्‍या है माजरा Aligarh news
माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के माता-पिता का संवाद विद्यालय के गुरुजनों के साथ होगा।

अलीगढ़, जेएनएन : कहा जाता है कि मेहनत जिसकी होती है फल भी उसी को मिलता है। मगर ऐसा कम ही सुनने में आता है कि किसी की सफलता में मेहनत किसी अन्य की हो। हालांकि विद्यार्थी जीवन में सफलता के पीछे गुरुजन व माता-पिता का हाथ तो होता ही है। मगर अब माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थी को सिर्फ पढ़ाई में मेहनत करनी होगी, बाकी विद्यार्थी क्या पढ़े? कैसे पढ़े? कितना व कब पढ़े? इसकी मेहनत गुरुजन व अभिभावक करेंगे। इसके जरिए सर्वश्रेष्ठ नंबर विद्यार्थी के आएंगे।

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अभिभावक-शिक्षक मीटिंग अनिवार्य

माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के माता-पिता का संवाद विद्यालय के गुरुजनों के साथ होगा। इसके लिए बोर्ड परीक्षा से पहले अभिभावक-शिक्षक मीटिंग अनिवार्य रूप से की जाएगी। यूपी बोर्ड ने सत्र 2020-21 की पढ़ाई व परीक्षाओं की तैयारी के लिए शैक्षिक कैलेंडर भी जारी कर दिया है। इसमें खास गतिविधि ये भी शामिल की गई कि हर महीने शिक्षक-अभिभावकों की आनलाइन या आफलाइन मीटिंग भी करना अनिवार्य किया गया है। हर विद्यार्थी की नियमित आनलाइन पढ़ाई का मूल्यांकन कर शिक्षक उसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे। फिर इस रिपोर्ट व मूल्यांकन को अभिभावकों के साथ साझा भी किया जाएगा। उनके साथ विद्यार्थी के मूल्यांकन पर विमर्श कर सुझाव साझा किए जाएंगे। मगर अब यूपी बोर्ड परीक्षाओं में दो महीने ही बचे हैं इसलिए शिक्षक अभिभावकों से विद्यार्थी के बारे में पढ़ाई से संबंधित उसकी हर गतिविधि को जानेंगे। उसकी रुचि व दिनचर्या के बारे में भी चर्चा करेंगे। कितनी पढ़ाई छूटी है या कितना रिवीजन करना है इसकी जानकरी अभिभावक शिक्षकों को देंगे। इसके आधार पर शिक्षक छात्र-छात्राओं की तैयारी बेहतर ढंग से कराएंगे।

इनका कहना है

डीआइओएस डाॅ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि बोर्ड से जारी शैक्षिक कैलेंडर में शिक्षकों व अभिभावकों की मीटिंग के निर्देश हैं। विद्यार्थी को अगर शिक्षण में कोई समस्या या कमजोरी है तो उसको शिक्षक व अभिभावक मिलकर दूर करेंगे। मगर बोर्ड परीक्षा से पहले ये मीटिंग करनी है। जिससे विद्यार्थी को बेहतर तैयारी कराकर परिणाम बेहतर किया जा सके। सभी प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया गया है कि विद्यार्थियों का मूल्यांकन नियमित कर अभिभावकों संग बैठक कर रिपोर्ट साझा की जाए।


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