UP TET : शिक्षक बनने की राह मे ‘पेपर आउट’ का रोड़ा, छलका अभ्यर्थियों का दर्द
अलीगढ़ जागरण संवाददाता। करियर बनाने के उल्लास चेहरे पर लंबी व मजबूत तैयारी के दृढ़विश्वास के साथ सुबह की गुलाबी ठंड के बीच 9.30 बजे ही अभ्यर्थी उत्तरप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) में शामिल होने के लिए अपने-अपने केंद्रों पर आ गए थे।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। करियर बनाने के उल्लास, चेहरे पर लंबी व मजबूत तैयारी के दृढ़विश्वास के साथ सुबह की गुलाबी ठंड के बीच 9.30 बजे ही अभ्यर्थी उत्तरप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) में शामिल होने के लिए अपने-अपने केंद्रों पर आ गए थे। मुख्य गेट पर अपने प्रवेश पत्र लिए कक्ष संख्या ढूंढ़ने की उत्सुकता भी चरम पर थी। इन सब कौतूहल को जेहन (दिमाग) में समेटे अभ्यर्थी परीक्षा कक्ष में ओएमआर शीट भरने में तल्लीन हो गए। पेपर आउट होने के चलते परीक्षा निरस्त के फरमान से अनजान अभ्यर्थी परीक्षा देने में जुट गए। 20 से 25 प्रश्न हल किए ही होंगे कि कक्ष निरीक्षक की ओर से अरमानों पर पानी फेरने वाले शब्द ‘ओएमआर शीट व प्रश्नपत्र दोनों जमा करने हैं, परीक्षा निरस्त कर दी गई है...’ पड़े ही थे कि सभी स्तब्ध से रह गए। मानों उनके भविष्य निर्माण पर बज्रपात सा हो गया। मायूसी व पीड़ा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कक्षाओं से बाहर आ रही महिला अभ्यर्थियों की आंखों से आंसू तक छलक पड़े।
पेपर आउट होने से अभ्यर्थियों में निराशा
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक बनने की राह पर रविवार को 31,614 अभ्यर्थी चले थे लेकिन बीच में पेपर आउट होने का रोड़ा आ गया। करीब सवा घंटे परीक्षा देने के बाद जब विद्यार्थियों को बताया गया कि पेपर आउट होने के चलते परीक्षा निरस्त कर दी गई तो उनके चेहरे पर मायूसी छा गई। दूर-दराज क्षेत्रों से अए अभ्यर्थियों के साथ आए उनके अभिभावक भी खुद काे ठगा सा महसूस कर रहे थे। सुबह 10 से 12.30 बजे की पहली पाली में 38 केंद्रों पर 18,888 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। दोपहर ढाई से पांच बजे की पाली में 26 केंद्रों पर 12,726 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। परीक्षा शुरू हुई तो करीब 20 मिनट बाद ही शासनादेश के अनुपालन में डीएम सेल्वा कुमारी जे. की ओर से पेपर लीक होने के चलते परीक्षा निरस्त करने की घोषणा कर दी गई। केंद्र व्यवस्थापकों के कानों तक भी सूचना पहुंची लेकिन वो शिक्षाधिकारियों के लिखित आदेश के बिना परीक्षा रुकवाने के पक्ष में नहीं थे। सभी के मोबाइल बंद थे लिहाजा इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे आदेश भी नहीं देख सके। इसके चलते कहीं पौन घंटे तो कहीं सवा घंटे तक विद्यार्थी परीक्षा देते रहे। हालांकि डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा की ओर से परीक्षा निरस्त करने के निर्देश इंटरनेट मीडिया पर डीएम के आदेश की पुष्टि होने पर 20-25 मिनट बाद दे दिए गए थे।
बच्चे की पीड़ा से छलकी ममता
परीक्षा केंद्र से बाहर आई महिला अभ्यर्थी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वो अपने दो साल के बच्चे को किसी के भरोसे छोड़कर डिबाई से पेपर देने आई हैं। परीक्षा से भी गए, समय भी खराब हुआ और बच्चे को भी अकेला छोड़ा। इतना बताते हुए उनकी आंखों से आंसू छलक गए।
डेंगू का इलाज छोड़ आए परीक्षा देने
डिबाई से परीक्षा देने आए विजेंद्र कुमार के हाथ में कैनुला लगा था। उन्होंने बताया कि वे डेंगू से पीड़ित थे, इलाज चल रहा है। परीक्षा देने आए थे, अब वापस जाकर फिर कैनुला के जरिए दवा लेंगे।
इनका कहना है
परीक्षा के दौरान वे मोबाइल बंद कर निरीक्षण पर थे। 10.15 से 10.30 बजे के करीब परीक्षा निरस्त का संदेश उनके संज्ञान में भी आया। इसके बाद इसकी पुष्टि की गई। पुष्टि के बाद सभी केंद्रों पर कंट्रोल रूम के जरिए फोन करवाकर परीक्षा रुकवाने की सूचना दी गई। इसमें थोड़ा समय भी लगा।
-डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा, डीआइओएस