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अलीगढ़ में लाखों की जमीन के मालिक पाकिस्तानी, सबसे ज्‍यादा कोल तहसील में

बंटवारे के समय देश छोड़कर जाने वालों के नाम अलीगढ़ में अभी भी लाखों की जमीन है। सबसे ज्‍यादा कोल तहसील में जमीन है। भारत व पाकिस्‍तान के अलग हुए 75 साल हो गए लेकिन अभी तक प्रशासन जमीनों को चिन्‍हित नहीं कर सका।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 08:20 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 08:21 AM (IST)
अलीगढ़ में लाखों की जमीन के मालिक पाकिस्तानी, सबसे ज्‍यादा कोल तहसील में
बंटवारे के समय पाकिस्तान जाने वाले लोगों के नाम अब भी जिले में लाखों रुपये कीमत की जमीन है।

सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । बंटवारे के समय देश छोड़कर पाकिस्तान जाने वाले लोगों के नाम अब भी जिले में लाखों रुपये कीमत की जमीन है। कोल तहसील के कस्बा जलाली में 0.893 हेक्टेयर (10 बीघा) जमीन की खतौनी में तबक्कुल हसन व उनके भाइयों के नाम दर्ज हैं। ये लोग तभी देश से चले गए थे। पाकिस्तान व भारत के अलग हुए 75 साल में प्रशासन यह जमीन चिह्नित नहीं कर सका। इन पर अवैध कब्जे हैं। इसकी अब जानकारी होने पर तहसील की टीम जांच की है। जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। दर्ज नामों को खतौनी से बेदखल करने के लिए प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय में भेजा जा रहा है। साथ जिले में अन्य शत्रु संपत्ति की भी जांच की जा रही है। 

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सबसे अधिक कोल तहसील में शत्रु संपत्‍ति

जिले में फिलहाल 48 शत्रु संपत्ति हैं सबसे अधिक दो दर्जन संपत्ति कोल तहसील क्षेत्र में हैं। इन पर भी शुरू से ही अवैध कब्जे हैं। जिसका मन आया उसने कब्जा कर लिया। भवनों को किराए और खेतों को पïट्टे तक पर दे रखा है।

जांच में हुआ पर्दाफाश

प्रशासन को कुछ दिन पूर्व जलाली की एक शत्रु संपत्ति की मौखिक शिकायत मिली थी। एडीएम प्रशाासन डीपी पाल ने इसकी जांच कोल तहसील की टीम से कराई। इसमें पता लगा कि गाटा संख्या 4431 /1 रकवा 0.553 हेक्टेयर, गाटा संख्या 4435 /2 रकवा 0.145 हेक्टेयर व गाटा संख्या 4437 /1 रकवा 0.193 पर कोई निर्माण नहीं है। जांच टीम को लोगों ने बताया कि राजस्व अभिलेख (खतौनी) में दर्ज तब्क्कुल हसन, मुजमिल हसन व तजमिल हसन देश छोड़ गए थे। ये लोग पाकिस्तान व अन्य देश भी गए हैं। इनकी जमीन पर पिछले 50 साल से जलाली के मजरा औसाफ अली के यशपाल का कब्जा है। इसके पास विधिक अधिकार को लेकर तहसील का कोई साक्ष्य नहीं है।

अन्य की भी पड़ताल

जिले में हरदुआगंज के विसावनपुर सिल्ला, हरदुआगंज कस्बा, जवां ढैंकुरा, मदारगेट शहर, जवां का वीरपुर छबीलगढ़, अतरौली कोरेह रघुपुरा , गभाना चंडौस, खैर राजपुर, टप्पल गढ़ी सूरजमल, सिविल लाइन कोठी धर्मपुर हाउस, बदरबाग सिविल लाइन, अकराबाद पिलखना, सिविल लाइन बेगपुर, घुडियाबाग देहलीगेट, दोदपुर सिविल लाइन, सासनी गेट सराय क्षेत्र में शत्रु संपत्ति हैं। प्रशासन इन सभी के दस्तावेजों की जांच कर रहा है। ताकि यह पता लग सके कि इन जमीन के आसपास की कोई संपत्ति शत्रु संपत्ति घोषित होने से रह तो नहीं गई।

यह होती है शत्रु संपत्ति

भारत ने 1947 में बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चले गए लोगों की जायदाद को कब्जे में लिया था। इसका नाम शत्रु संपत्ति दिया गया। इसके तहत जमीन, मकान, सोना व दुश्मन देश के नागरिकों की किसी भी संपत्ति को प्रशासन के अधिकार में लिया जा सकता है।

इनका कहना है

जलाली की शत्रु संपत्ति को लेकर शिकायत मिली थी। कोल तहसील से इसकी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर पूरे प्रकरण को शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय में भेजा जाएगा।

डीपी पाल, एडीएम प्रशासन


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