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अलीगढ़ के दीनदयाल अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज, हालात खराब

पंडित दीनदयाल अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती हैं। इसके चलते संसाधन कम पड़ने लगे हैं। इसको लेकर स्टाफ में नाराजगी है जो कि शुक्रवार को हड़ताल के दौरान सामने आई। डाक्टर व स्टाफ प्रथम तल पर मौजूद मीटिंग हाल में थे।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 07:28 AM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 07:28 AM (IST)
अलीगढ़ के दीनदयाल अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज, हालात खराब
पंडित दीनदयाल अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पंडित दीनदयाल अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती हैं। इसके चलते संसाधन कम पड़ने लगे हैं। इसको लेकर स्टाफ में नाराजगी है, जो कि शुक्रवार को हड़ताल के दौरान सामने आई। डाक्टर व स्टाफ प्रथम तल पर मौजूद मीटिंग हाल में थे। एसीएम द्वितीय अंजुम बी व सीओ श्वेताभ पांडेय ने उन्हें समझाया भी, लेकिन नीचे हंगामा होने से वे नहीं आए थे। उनका कहना था कि 100 बेड की क्षमता व कम संसाधनों के सापेक्ष 360 मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। बिना डाक्टर व पर्याप्त स्टाफ के ऐसी स्थिति रोज आएगी। उन्होंने सुरक्षा की भी मांग उठाई थी।

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चार घंटे गंभीर मरीजों को भी नहीं मिला था इलाज

चिकित्सकों व स्टाफ की हड़ताल के चलते शुक्रवार को चार घंटे तक मरीज परेशान रहे। गंभीर मरीजों को भी उपचार नहीं मिल पाया। तीमारदार डाक्टरों व स्टाफ को बुलाने के लिए खूब चीखे- चिल्लाए। मरीज भी कराहते रहे। लेकिन, डाक्टर नहीं लौटे। सुबह 9:30 बजे से तीसरे पहर डेढ़ बजे तक यही स्थिति रही थी।

फर्श पर लिटा दिया

नौरंगाबाद के बंटी कुमार अपनी भांजी मुस्कान (15) को गंभीर हालत में इमरजेंसी लेकर पहुंचे, वहां कोई स्टाफ नहीं था। यह देख बंटी व अन्य स्वजन परेशान हो उठे। मुस्कान को तेज बुखार था, वह खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। स्वजन ने उसे फर्श पर लिटा दिया। इनके पास निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए भी पैसे नहीं थे। अधिकारियों से डाक्टर को बुलाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। चंडौली के हरिबाबू की प्लेटलेट््स गिरी हुई थीं। वे कल रात 11 बजे दीनदयाल अस्पताल की इमरजेंसी में लाए गए। यहां उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया। हड़ताल के चलते कोई डाक्टर देखने नहीं पहुंचा तो स्वजन बिना डिस्चार्ज कराए आइसीयू से बाहर ले आए। स्वजन ने डाक्टरों व स्टाफ के प्रति अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया। मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस न मिलने पर बाइक पर बैठाकर ले गए। मुस्कान व हरिबाबू की तरह तमाम मरीजों को हड़ताल के चलते उपचार नहीं मिल पाया।


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