Move to Jagran APP

लाखों की चोरियों का खुलासा न होने पर इंजीनियर संगठन में आक्रोश, सौंपा ज्ञापन Aligarh news

हरदुआगंज तापीय परियोजना परिसर से लगातार बंद आवासों से हो रहीं लाखों की चोरियों के खुलासे न होने के चलते इंजीनियर्स संगठन में आक्रोश व्‍यापत है जिसको लेकर उन्होंने महाप्र्रबंधक के माध्यम से ऊर्जा मंत्री से लेकर एसएसपी को जल्द चोेरियों के खुलासे के लिए ज्ञापन सौंपा।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 01:17 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 01:17 PM (IST)
लाखों की चोरियों का खुलासा न होने पर इंजीनियर संगठन में आक्रोश, सौंपा ज्ञापन  Aligarh news
हरदुआगंज तापीय परियोजना परिसर में लगातार हो रही चोरियों से इंजीनियर्स संगठन में आक्रोश व्‍याप्‍त है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  हरदुआगंज तापीय परियोजना परिसर से लगातार बंद आवासों से हो रहीं लाखों की चोरियों के खुलासे न होने के चलते इंजीनियर्स संगठन में आक्रोश व्‍याप्‍त है, जिसको लेकर उन्होंने महाप्रबंधक के माध्यम से ऊर्जा मंत्री से लेकर एसएसपी को जल्द चोेरियों के खुलासे के लिए ज्ञापन सौंपा।

loksabha election banner

लगातार हो रही चोरियां, लोगो में दहशत

ज्ञापन के अनुसार साल की शुरूआत से ही चोरों ने आतंक का माहौल बनाते हुए एक जनवरी को ही पांच अभियंताओं के बंद आवास के ताले चटका कर लाखों का माल साफ किया था इसी क्रम में चैबीस अगस्त 2020 को अवर अभियंता मुन्ना यादव एवं विजय कुमार गौतम के बंद आवास से लाखों के जेवरात और नकदी की चोरी की घटना ,उसके बाद इक्कीस जुलाई 2020 को सहायक अभियंता अर्चना सिंह ,तीन अगस्त 2020 दीपेन्द्र सिंह कार्मिक के अलावा अन्य छोटी मोटी चोरियां की, जिनका खुलासा पुलिस आज तक नहीं कर पाई है। जिसके चलते चोरों के हौसले बढ़ते चले गए कि क्रम अब तक जारी है जबकि परिसर में ही चैकी स्थापित है।फिर भी चोर बैखोफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहें है।

सात दिन पहले हुई चोरी का भी नहीं हुआ खुलासा

सात दिन पूर्व हुई चोरियों में भी पुलिस अभी तक खाली हाथ है ज्ञापन के माध्यम से राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन ने महाप्रबंधक के माध्यम से ऊर्जा मंत्री से लेकर अलीगढ़ एसएसपी को अवगत कराते हुए मांग की गई है कि जल्द चोरियों का खुलासा कर चोरी गया कीमती सामान बरामद करवाया जाये, साथ ही परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की जायें, जिससे कार्मिकों के द्वारा विद्युत उत्पादन में पूर्ण सहयोग दिया जा सकें, अन्यथा की स्थिति में विवशतापूर्ण संगठन को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन एवं प्रबंधन की होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.