मौखिक प्रश्नों के उत्तर से भी कराई जा सकती है माध्यमिक की अग्निपरीक्षा, ये है वजह
कोरोना के चलते शिक्षा के तरीके ही बदल गए हैं। नित नये प्रयोग किये जा रहे हैं। अब विद्यालय स्तर पर प्री बोर्ड परीक्षा करायी जाएगी। इसमें मौखिक प्रश्नों काेे वीडियो कालिंग के जरिए पूछकर भी परीक्षा करायी जा सकती है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल ने शिक्षा के क्षेत्र में नित नए प्रयोगों को विद्यार्थियों व शिक्षकों के सामने लाकर रखा है। शुरुआतीचरण में आनलाइन पढ़ाई बड़ी चुनौती सी प्रतीत हो रही थी। मगर धीरे-धीरे विद्यार्थी व शिक्षक समेत अभिभावक सभी इस पद्धति पर निर्भर हुए। अब माध्यमिक की अग्निपरीक्षा भी आनलाइन माध्यम से कराए जाने की ओर विचार किया जा रहा है। हालांकि अभी अफसर इस संबंध में विचार-विमर्श कर रहे हैं। अगर नियम व मानक सटीक बन गए तो परीक्षा आनलाइन माध्यम से भी कराई जा सकती है। हालांकि ये वार्षिक परीक्षा नहीं बल्कि विद्यालयस्तर पर कराई जाने वाली प्री-बोर्ड परीक्षा होगी। इसमें मौखिक प्रश्नों को वीडियो कालिंग के जरिए पूछकर भी परीक्षा कराई जा सकती है।
अभिभावकों की अनुमति का होगा अहम रोल
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) की ओर से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों की छमाही परीक्षाएं दिसंबर 2021 में पूरी करा ली गई हैं। अब उनकी प्री-बोर्ड व वार्षिक परीक्षाएं होनी हैं। वार्षिक परीक्षाओं में तो अभी समय बचा हुआ है। ये परीक्षाएं तो आफलाइन माध्यम से ही कराई जाएंगी। मगर विद्यालय स्तर पर होने वाली प्री-बोर्ड परीक्षाओं को आनलाइन माध्यम से भी कराया जा सकता है। आनलाइन पढ़ाई के बाद नौवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं की आफलाइन कक्षाएं चलाने के बाद परीक्षाएं भी आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यम से कराए जाने की व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। दोनों ही माध्यमों से परीक्षा कराने में अभिभावकों की अनुमति का अहम रोल होगा। जो अभिभावक अपने बच्चों को आफलाइन माध्यम से परीक्षाएं दिलाने के इच्छुक होंगे वही बच्चों को कालेज भेजेंगे।
आनलाइन व आफ लाइन परीक्षाएं कराने की तैयारी
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यम से परीक्षाएं कराने की व्यवस्था तैयार कराने पर विचार किया जा रहा है। नौवीं व 12वीं के विद्यार्थियों का छमाही परीक्षा के मद्देनजर कोर्स पूरा कराया जा रहा हैै। अभी तो फिलहाल विद्यालयों में अवकाश रखा गया है। बाद में विद्यालय खुलने पर परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए अभिभावकों की लिखित अनुमति होना भी अनिवार्य होगा। क्योंकि दोनों माध्यमों से प्री-बोर्ड परीक्षाएं देने के विकल्प अभिभावकों पर छोड़े जाएंगे। अगर मोबाइल, कंप्यूटर व इंटरनेट की सुविधा घर पर मौजूद हो और बच्चे के माता-पिता चाहें कि परीक्षा आनलाइन माध्यम से कराई जाए, तो ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षाएं आनलाइन माध्यम से कराई जा सकती हैं।
नियम व मानकों पर विचार
आफलाइन परीक्षाएं देने के लिए विद्यार्थी कालेज में आएंगे। परीक्षकों के सामने वो परीक्षा देंगे। मगर आनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने में क्या नियम व मानक निर्धारित होंगे इस संबंध में विचार-विमर्श किया जा रहा है। घर पर विद्यार्थी परीक्षा देते समय नकल का सहारा न ले पाए इसकी पुख्ता व्यवस्था की जानी है। सूत्रों की मानें तो आनलाइन परीक्षा में वीडियो काल कर विद्यार्थी को प्रश्नों के उत्तर पूछे जा सकते हैं। बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर परीक्षार्थी को तत्काल देने होंगे।