Move to Jagran APP

New system : जिन मार्गों पर अधिक होंगे वाहन, वहीं मिलेगा डीजल Aligarh news

नगर निगम के वाहनों को डीजल के लिए शहर की सीमा पर नहीं जाना पड़ेगा। जिन मार्गों पर वाहनों की संख्या अधिक होगी डीजल वहीं उपलब्ध होगा। अब निगम के वाहन एक ही पेट्रोल पंप पर निर्भर नहीं रहेंगे। व्यवस्था ही ऐसी की जा रही है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 07:53 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 11:48 AM (IST)
New system : जिन मार्गों पर अधिक होंगे वाहन, वहीं मिलेगा डीजल Aligarh news
नगर निगम शहर उन मार्गों पर पेट्रोल पंपों से अनुबंध कर रहा, जहां ज्यादा संख्या में वाहन संचालित होते हैं।

अलीगढ़, जेएनएन : नगर निगम के वाहनों को डीजल के लिए शहर की सीमा पर नहीं जाना पड़ेगा। जिन मार्गों पर वाहनों की संख्या अधिक होगी, डीजल वहीं उपलब्ध होगा। अब निगम के वाहन एक ही पेट्रोल पंप पर निर्भर नहीं रहेंगे। व्यवस्था ही ऐसी की जा रही है। दरअसल, नगर निगम शहर उन मार्गों पर पेट्रोल पंपों से अनुबंध कर रहा है, जहां ज्यादा संख्या में वाहन संचालित होते हैं। साफ-सफाई करने की मशीनें, डोर टू डोर कूड़ा उठाने के आटो टिपर, कूड़ा ले जाने के लिए ट्रैक्टरों को आसानी से डीजल उपलब्ध होगा। इससे निगम को भी लाभ है। डीजल की खपत कम होगी और समय भी बचेगा। 

loksabha election banner

कम होगी खपत

नगर निगम में करीब 180 छोटे-बड़े वाहन हैं। इसके अलावा जेसीबी, पोललैंड आदि उपकरण हैं। इन वाहनों के लिए डीजल की व्यवस्था सारसौल चौराहे से आगे जीटी रोड स्थित पेट्रोल पंप पर की गई है। यह पेट्रोल पंप शहर की सीमा से सटा हुआ है। सालों से इसी पंप से नगर निगम का अनुबंध है। जबकि, इस मार्ग पर निगम के वाहन कम ही गुजरते हैं। यहां से डीजल लेने के बाद वाहनों को फिर शहर लौटना पड़ता है। वाहनों को प्रतिदिन 12 से 15 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। इससे डीजल तो बेवजह फुंकता ही है, समय की बर्बादी भी होती है। तैयार हो रही नई व्यवस्था से वाहनों को डीजल लेने के लिए शहर की सीमा तक नहीं दौड़ना पड़ेगा। नगर निगम के अधिकतर वाहन आगरा रोड, खैर रोड, रामघाट रोड, जीटी पर दौड़ते हैं। मथुरा रोड एटूजेड प्लांट है। यहां से कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट से कूड़ा उठाने के लिए जेसीबी व ट्रैक्टर निकलते हैं। इन वाहनों में डीजल अधिक खपता है। योजना पर मुहर लगी तो इन वाहनों को आसपास के पेट्रोल पंप से ही डीजल मिल जाएगा। वहीं, सेवा भवन से आटो टिपर, केटल कैचर व अधिकारियों के वाहन निकलते हैं। ये वाहन भी पास के पंप से डीजल ले सकते हैं। बन्नादेवी थाने के पीछे वर्कशॉप से भी वाहनों का अधिक संचालन होता है। वहां भी आसपास कुछ पेट्रोल पंप हैं। नगर निगम की योजना ईंधन की रोकने की है, जिसके प्रयास शुरू हो चुके हैं। नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह के इन प्रयासों की पार्षद, विधायक और मेयर ने भी सराहना की है।

22 लाख का डीजल बचाया

डीजल की खपत रोकने के लिए नगर आयुक्त ने डीजल के आवंटन में कटौती की थी। इससे डीजल के खर्चे में काफी अंतर आया। नवंबर, 20 में करीब 86 लाख रुपये के डीजल की खपत हुई। कटौती के बाद दिसंबर में 62 लाख रुपये खर्चा आया। यानी, 22 लाख रुपये के डीजल की कम खपत हुई। खर्चा कम करने के बाद आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन बढ़ा दिया गया। नगर आयुक्त ने बताया कि बेवजह दौड़ने वाले वाहनों का संचालन बंद करा दिया गया था। उन्हीं वाहनों को निकलवाया गया, जो नियमित कूड़ा उठाते हैं। इसका लाभ मिला है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.