Make Small Strong:लॉकडाउन में ऑन लाइन ट्रेडिंग ने इलेक्ट्रोनिक्स कारोबार की चमक रखी बरकरार
समय के साथ कारोबार के तरीकों में भी बदलाव बहुत जरूरी है। कोरोना काल ने यह सबसे बड़ी सीख दी है। अनेक कारोबारियों ने बदलाव से ही अपने कारोबार को रफ्तार दी। समय के साथ कारोबार के तरीकों में भी बदलाव बहुत जरूरी है।
By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 09:26 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 09:26 AM (IST)
अलीगढ़, जेएनएन। समय के साथ कारोबार के तरीकों में भी बदलाव बहुत जरूरी है। कोरोना काल ने यह सबसे बड़ी सीख दी है। अनेक कारोबारियों ने बदलाव से ही अपने कारोबार को रफ्तार दी। इन्हीं में शामिल एलजी कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर रामचंद्र-पूरन चंद्र फर्म के मालिक शरद अग्र्रवाल ने ऑन लाइन ट्रेड़िंग से अपने इलेक्ट्रोनिक्स कारोबार की चमक बरकरार रखी।
बुकिंग कर होम डिलीवरी की सुविधा
लॉकडाउन में 59 दिनों तक लोग घरों में रहे। समय पास करने के लिए टीवी एक बढ़ा जरिया बना। घर के बुजुर्ग व अन्य लोग रामायण देखना पसंद कर रहे थे, वहीं बच्चे सेटेलाइट चेनलों पर अलग तरह का मनोरंजन पसंद कर रहे थे। जिस घर में एक टेलीवीजन था, वहां दो की मांग होने लगी। कंपनियों ने ऑन लाइन बुकिंग कर होम डिलीवरी की सुविधा कर दी। 10 अप्रेल से शरद अग्र्रवाल ने अपने रेलवे रोड स्थित शोरूम व गोदाम से होम डिलीवरी शुरू कर दी। 20 सेल्स एग्जीक्यूटिव को पुराने ग्राहकों का डाटा एकत्रित कर वाट््सएप, फेसबुक व फोन से बुकिंग कीं। 50 साल की अपनी सेवाओं का इस फर्म को लाभ भी मिला। ग्राहकों ने विश्वास कर ऑन लाइन भुगतान कर बाद में डिलीवरी ली। इस बीच ग्रह उपयोगी 200 इलेक्ट्रोनिक्स उत्पादन बेचे गए। इसके अलावा कंपनी की ओर से बुक ऑन लाइन ऑर्डर के मॉडल भी गोदाम से ग्र्राहकों के यहां भेजे गए। ग्राहकों के यहां एसी लगवाने के लिए मैकेनिक टीम की अलग से व्यवस्था की गई थी। टीम के लिए पास बनाए गए। इसका असर यह है कि अब ग्र्राहकों की संख्या शोरूम पर बढऩे लगी है।
ग्राहक हम पर भरोसा करते हैं। कोरोना सकंट के दौरान इन्हें हमारी जरुरत थी। हमें अपनी जिम्मेदारी व कर्तव्य परायणता का फर्ज निभाना था। नए टीवी, रेफ्रीजरेटर, एसी, वॉङ्क्षशग मशीन व अन्य उत्पादनों की होम डिलीवरी से लेकर पुरानों की सर्विस की भी सेवाएं दी थीं। नफा नुकसान की परवाह नहीं की थी।
- शरद अग्रवाल, मालिक, रामचंद्र-पूरन चंद्र, रेलवे रोड
भीषण गर्मी से राहत के लिए सॢवस सेवाएं दीं
10 मार्च की होली के बाद बाजार अपनी रफ्तार भी नहीं पकड़ पाया था, कि पीएम ने देश लॉकडाउन का एलान कर दिया। सारी वाणिज्यक गतिविधियां जहां की तहां रुक गई। प्रशासनिक गाइड लाइन का पालन करने के लिए लोग घरों से नहीं निकले। आठ अप्रैल तक भीषण गर्मी पडऩे लगीं। प्रशासनिक स्तर पर थोड़ी राहत मिली। शरद अग्रवाल ने कर्मचारियों की टीम को एसी की सॢवस करने के लिए जुटाया। जहां एसी खराबर दे, वहां पाट्र्स बदले गए। इंडस्ट्रीयल ऑक्सीजन डाली गई। कर्मचारियों ने घर -घर जाकर सॢवस की। नई टीवी को स्टॉलेशन किया। रेफ्रीजरेटर की मरम्मत की गईं। वाॉशिंग मशीनों को ठीक किया गया।
एक ही छत के नीचे हैं एक्सक्लूसिव रेंज
शरद अग्रवाल के रामचंद्र-पूरन चंद्र नाम की फर्म के दो शोरूम हैं। एक शोरूम अप्सरा सिनेमा के गेट की ठीक सामने है। दूसरा रेलवे रोड सुभाष रोड गांधी मार्ग पर है। एक ही छत के नीचे एलजी कंपनी के सभी लेटेस्ट मॉडल व रेंज शरद अग्रवाल के यहां मिलते हैं।
58 साल पुरानी फर्म
आगरा के बेलन गंज निवासी लाला रामचंद्र अग्रवाल गल्ला के कारोबारी थी। उन्होंने 1962 में रामचंद्र-पूरन चंद्र नाम की गोदरेज कंपनी की डिलरशिप की एक फर्म आगरा व दूसरी फर्म अलीगढ़ के रेलवे रोड पर खोली। सप्लाई बरेली, मुजफ्फर नगर सहित पूर्वांचल में भी थी। इसी बीच चीन युद्ध के दौरान रेडियो की बाजार में मांग बढ़ गई। इसी फर्म पर रेडियो बेचने लगे। 1973 में रेफ्रीजरेटर भी बेचने लगे। एसी भी बाजार में आ गए। 1980 में ब्लेक एंड व्हाइट टीवी भी आ गई। 1992 में एलजी कंपनी की डिलरशिप मिल गई। तब से अबतक इसी कंपनी की डीलरशिप है। इस कंपनी ने 2017 में प्रदेश में नंबर वन प्रदर्शन पर फर्म को सम्मानित किया है।
हमने हमेशा रामचंद्र-पूरन चंद्र के शोरूम से ही खरीदारी की थी। ड्रॉइंग रूम में लगे टीवी पर सास-ससुर के साथ मैं खुद रामायण देखती थी। कभी सर्विस की कोई दिक्कत नहीं हुई।
- कविता अग्रवाल, ग्राहक
पिछले 40 साल से पूरन चंद्र अग्रवाल से संबंध हैं। उनके बेटा शरद अग्रवाल ने पुरखों से विरासत मिली फर्म के पारंपरिक ग्राहकों को संजों के रखा है। लॉक डाउन में एसी की सॢवस के लिए बोला। दूसरे दिन ही मैकेनिक भेज दिए।
- बनारसीदास जैन, ग्राहक
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