बकरीद पर अकीदतमंदों ने मुल्क को कोरोना से निजात दिलाने को की दुुुुुुआ, अfधकारियों ने किया पैदल भ्रमण
कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अलीगढ़ और हाथरस में ईद-उल-अजहा (बकरीद) शनिवार को बेहद सादगी व सौहार्द के साथ मनाई गई।
अलीगढ़ जेएनएन: कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अलीगढ़ और हाथरस में ईद-उल-अजहा (बकरीद) शनिवार को बेहद सादगी व सौहार्द के साथ मनाई गई। अकीदतमंदों ने मस्जिदों के बजाय घरों मेें ही नमाज पढ़ी। साथ ही मुल्क को कोरोना वैश्विक महामारी से निजात दिलाने की दुआएं की। खास बात यह है के अलीगढ़ शहर के मुफ्ती मोहम्मद खालिद हमीद ने एक दिन पहले ही किसी भी स्थान पर भीड़ एकत्रित न होने और कुर्बानी खुले में न करनेे की अपील की थी। नमाज के समय प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने शहर में पैदल घूम कर शांति व्यवस्था का जायजा लिया।
मस्जिदों के आसपास फोर्स तैनात
हाथरस में ईदगाहों व मस्जिदों में सामूहिक नमाज की मनाही के चलते घरों पर ही नमाज पढ़ी गई। मधुगढ़ी स्थित जामा मस्जिद समेत कस्बों की मस्जिदों के आसपास फोर्स तैनात रहा। मुस्लिम इंतजामिया कमेटी के सदर हाजी रिजवान अहमद कुरैशी ने सहयोग के लिए सभी को धन्यवाद दिया।
तुर्की की टोपी लगाकर इबादत की
बकरीद को लेकर शहर में मुस्लिम समाज के लोगों ने कपड़ों के साथ गोल टोपियों की खरीदारी की। बाजार में 40 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की टोपियां पसंद की गईं। इसमें अरब व तुर्की की टोपियां भी थीं। इन टोपियों की कीमत पांच सौ रुपये तक थी।
मांग घटी, बकरे हुए सस्ते
पिछले साल की तुलना में इस बार बकरीद पर बकरों की मांग घटने से बकरे सस्ते रहे। पिछले साल जो बकरा 10 हजार रुपये तक में था वह इस बार साढ़े पांच से छह हजार रुपये में उपलब्ध था।