बूढ़ी आंखों ने खोया घर का चिराग, जुबां पर बस एक ही रट- अब ये जिंदगी किस काम की Aligarh news
सुनील 34 की मौत के बाद बूढी मां सीमा देवी के रोते-रोते आंसू भी सूख गये। बेसहारा हुई मां बस यही कहती है कि अब वह किसके सहारे जीवन जीयेगी। गांव करसुआ के धर्मपाल सिंह का भरा पूरा परिवार था।
अलीगढ़, जेएनएन । शुक्रवार को जब अचानक जहरीली शराब पीने से लोगों के मरने से हाहाकार मचा तो उसमें सर्व प्रथम गांव करसुआ का नाम सामने आया। एक साथ तीन मौत हाेने से गांव में कोहराम मचा गया, उसमें एक युवक ऐसा था कि उसके परिवार में सिर्फ मां ही बची थी, बूढी मां के लिए बस बेटा ही एक मात्र सहारा था जिसे शराब के बहाने भगवान ने छीन किया।
रो-रोकर पथरा गयीं सीमा देवी की आंखें
सुनील 34 की मौत के बाद बूढी मां सीमा देवी के रोते-रोते आंसू भी सूख गये। बेसहारा हुई मां बस यही कहती है कि अब वह किसके सहारे जीवन जीयेगी। गांव करसुआ के धर्मपाल सिंह का भरा पूरा परिवार था। पत्नी सीमा देवी के अलावा दो बेटे अनिल और सुनील व एक बेटी थी। मेहनत मजदूरी करके बच्चों को बड़ा किया तथा बड़े बेटे अनिल एवं बेटी की शादी कर दी। नौ वर्ष पूर्व धर्मपाल की मौत हो गयी, इसके बाद बड़े बेटे अनिल की भी मौत हो गयी। अनिल की मौत के बाद अनिल की पत्नी घर छोड़कर चली गयी। भरे पूरे परिवार में मात्र सुनील व उसकी मां सीमा देवी रह गये। सुनील मेहनत मजदूरी करके अपना व मां का ख्याल रखता था तीन दिन पूर्व अचानक जहरीली शराब के आये तूफान ने बूढी मां का सहारा छीन लिया। बूढी मां के रोते रोते आंसू भी सूखने लगे हैं। बस यही कहती है जिंदगी किस काम की।