आकर्षक पेंटिंग से अफसरों ने फिर सजाए अपने कार्यालय, जानिए क्या है मामला
सेवाभवन स्थित अफसरों के कार्यालयों पर दो साल पहले ही पेंटिंग कराई गई थी। अब पुन कराई गई है। स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर अंक पाने के लिए नगर निगम ने बुनियादी जरूरतें तो पूरी नहीं कि लेकिन शहरभर में पेंटिंग कराकर बदहाली को ढकने का जरुर किया।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। नगर निगम अफसरों का पेंटिंग के प्रति लगाव तो देखिए, कार्यालयों को पेटिंग से फिर सजा दिया है। पेंटिंग भी ऐसी कि नजर ठहर जाए। फरियाद लेकर यहां आने वाले लोग पेंटिंग की प्रशंसा के साथ यह उम्मीद भी करते हैं कि निगम अधिकारी इसी तरह शहर को भी सजा दें। कुछ ये कहकर तंज कसते हैं कि जितना पैसा पेंटिंग में खर्च किया जा रहा है, उतना विकास कार्यों में लगा दिया जाता तो लोगों का कुछ भला होता। सेवाभवन स्थित अफसरों के कार्यालयों पर दो साल पहले ही पेंटिंग कराई गई थी। अब पुन: कराई गई है।स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर अंक पाने के लिए नगर निगम ने बुनियादी जरूरतें तो पूरी नहीं कि, लेकिन शहरभर में पेंटिंग कराकर बदहाली को ढकने का जरुर किया।
शहर में पेटिंग
शहर के चौक-चौराहे, सरकारी कार्यालयों की दीवारों पर पेंटिंग कराकर चमका दीं। बावजूद इसके स्वच्छ सर्वेक्षण ने नगर निगम तीसरे पायदान से ऊपर न उठ सका। अफसर ये सोचकर खुश हो रहे हैं कि तीसरा स्थान तो बना रहा, पेंटिंग से शहर न सजाते तो टाप टेन की सूची से भी बाहर निकल जाते। ये सही भी है, पेंटिंग के अलावा अफसरों ने कुछ खास नहीं किया था। कुछ नुक्कड़ नाटक, रैली जैसे आयोजन कराए गए, जिसमे 85 लाख रूपये खर्च कर दिया। तब भी सेवाभवन में पेंटिंग कराई गई थी। इससे पूर्व एक संस्था द्वारा यहां पेंटिंग हुई। अब पुनः पेंटिंग कराई गई है। सभी कार्यालयों के बाहर, सीढ़ियों पर, पार्क, पार्किंग में पेंटिंग हुई है। इसमें खर्चा भी काफी हुआ होगा। लेकिन, इसकी जरूरत नहीं थी। जब पहले से दीवारें सजी हुई हैं, तो इतना खर्च क्यों किया गया। पैसा तो जनता का ही खर्च हो रहा है।