अलीगढ़ में रालोद की विधानसभा चुनाव की तैयारियों में बाधा
जिला कार्यकारिणी की घोषणा न होने से कार्यकर्ताओं में मायूसी।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अपने खोए वजूद की वापसी में जुटे राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में बाधा बनी हुई है। चार माह पहले नियुक्त किए गए जिलाध्यक्ष कालीचरण सिंह की प्रस्तावित जिला कार्यकारिणी को हाईकमान हरी झंडी नहीं दे पा रहा है। इससे कार्यकर्ताओं में मायूसी है।
दिल्ली स्थित आवास पर मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी से पूर्व प्रदेश सचिव नवाब सिंह छोंकर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मिला। प्रतिनिधिमंडल ने जयंत से संगठन को लेकर चर्चा भी की। छोंकर ने जल्द ही जिला कार्यकारिणी घोषित न होने से होने वाले सियासी नुकसान भी गिनाए।
एक साल पहले रालोद के जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने अपने पद से त्याग पत्र दिया था। इसके बाद पंचायत चुनाव आ गया। पूर्व जिलाध्यक्ष रामबहादुर चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में पंचायत चुनाव लड़ा गया। जिला पंचायत के पांच वार्डों में रालोद के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। हालांकि, रालोद नेतृत्व ने छह वार्डों पर जीत का दावा किया था। इनमें चौ. कालीचरण सिंह की पत्नी भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतीं। खैर में आयोजित जयंत की आशीर्वाद पथ रैली में 11 जिला पंचायत सदस्यों की परेड हुई। कालीचरण भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी विजय सिंह को वोट न देकर सपा समर्थित प्रत्याशी अर्चना यादव के पाले में दिखे। जयंत चौधरी ने इस वफादारी के लिए कालीचरण को जिलाध्यक्ष बनाया। जिलाध्यक्ष ने आशीर्वाद पथ रैली में ऐतिहासिक भीड़ जुटाई। रालोद ब्रज प्रदेश के अध्यक्ष चौ. जगपाल सिंह का कहना है कि प्रस्तावित सूची केंद्रीय कार्यालय भेजी जा चुकी है। जल्द ही मुख्य संगठन के साथ युवा रालोद की कार्यकारिणी भी घोषित की जाएगी। कार्यकर्ताओं को मायूस होने की जरूरत नहीं है। सभी कार्यकर्ता खुद को पदाधिकारी समझकर चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। संगठन जिसे भी टिकट दे, उसे स्वीकार कर जिताएं।