जल्द खुलेंगे पोषाहार के कारखाने, होंगे ये खास फायदे
आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित किए जाने वाला पोषाहार अब जिले में ही तैयार होगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला समूहों ने इसके लिए पांच कारखाने खोलने का निर्णय लिया है। साढ़े चार करोड़ की धनरााशि इन कारखानों पर खर्च होगी।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित किए जाने वाला पोषाहार अब जिले में ही तैयार होगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला समूहों ने इसके लिए पांच कारखाने खोलने का निर्णय लिया है। साढ़े चार करोड़ की धनरााशि इन कारखानों पर खर्च होगी। दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज से इन पांचों प्लांट का शिलान्यास कर चुके हैं। अब जल्द ही इन पर काम शुरू हो जाएग। एक कारखाने पर 90 लाख की लागत आएगी।
1500 महिलाओं का है समूह
1500 महिला समूहों ने संयुक्त रूप इनके संचालन की जिम्मेदारी संभाली है। 30 हजार प्रति समूह के हिसाब से धनराशि एकत्रित हुई है। इन सभी समूहों का कारखानों में शेयर होगा। आय भी आपस में बंटेगी। एनआरएलएम के उपायुक्त भालचंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जिले में कुल 3039 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। फिलहाल इन केंद्रों पर करीब साढ़े पांच लाख नौनिहाल व गर्भवती महिलाएं पंजीकृत हैं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की तरफ से इन नौनिहाल व गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ्य रखने के लिए हर महीने पोषाहार बांटा जाता है। अब तक निजी कंपनियों से इस पोषाहार की आपूर्ति होती थी। अब पिछले दिनों प्रदेश स्तर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला समूहों के माध्यम से पोषाहार वितरण कराने का फैसला लिया गया था। निजी कंपनियां जिले में इसकी आपूर्ति कर देती थी। वहींए महिला समूह इन्हें केंद्रों तक पहुंचाते हैं। इसी कड़ी में अब शासन स्तर से पोषाहार तैयार करने की जिम्मेदारी भी महिला समूहों को दी जा रही है। हर जिले में इसके तहत कारखाने खोले जा रहे हैं। जिले में इसके लिए पांच स्थानों का चयन हुआ है।
90 लाख होंगे खर्च
प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने प्रयागराज से इनका प्लांट का शिलान्यास किया है। अब जल्द ही इन पर काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पोषाहार तैयार करने के लिए जिले में कुल पांच कारखाने खोले जा रहे हैं। इनके लिए स्थानों का चयन हो चुका है। प्लांट के आसपास के 1500 समूहों ने इन कारखानों के संचालन का जिम्मा उठाया है। हर समूह ने 30 हजार रुपये का योगदान दिया है। ऐसे में करीब साढ़े चार करोड़ की धनराशि एकत्रित की गई है। 90 लाख रुपये एक कारखाने पर खर्च होंगे।