Three-tier Panchayat elections : 20 हजार से ऊपर जा सकती है पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों की संख्या Aligarh news
पंचायत चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी इन दिनों जोरों पर चल रही है। जिले में इस बार पंचायत चुनाव के दावेदारों की संख्या 20 हजार से ऊपर जा सकती है। शुक्रवार को जिले में 15 हजार से अधिक नामांकनों की बिक्री हो चुकी है।
अलीगढ़, जेएनएन : पंचायत चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी इन दिनों जोरों पर चल रही है। जिले में इस बार पंचायत चुनाव के दावेदारों की संख्या 20 हजार से ऊपर जा सकती है। शुक्रवार को जिले में 15 हजार से अधिक नामांकनों की बिक्री हो चुकी है। इसमें सबसे अधिक नामांकन ग्राम प्रधान पद के हैं। अभी नामांकन में करीब एक सप्ताह का समय और बचा हैं। ऐसे में संभावना लगाई जा रही है कि इस बार करीब 25 से 30 हजार नामांकन पत्रों की बिक्री हो सकती है। इसमें से 20 हजार से ज्यादा नामांकन हो जाएंगे।
जिले में 29 अप्रैल को मतदान व दो मई को मतगणना
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि जिले में 29 अप्रैल को मतदान व दो मई को मतगणना है। 17 अप्रैल से नामांकन की शुरुआत होगी। ऐसे में जिले में 31 मार्च से नामांकन पत्रों की बिक्री शुरू हुई है। शुक्रवार तक जिले में 15 हजार से अधिक नामांकन बिक गए। इसमें सबसे अधिक नामांकन प्रधान पद के लिए है। सात हजार से अधिक नामांकन इस पद पर बेचे जा चुके हैं। वहीं, क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए भी करीब पांच हजार नामांकन बिके हैं। ग्राम पंचायत सदस्य के लिए 2500 नामांकन पत्रों की बिक्री हुई है। सहायक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिला पंचायत सदस्य के लिए जिला पंचायत परिसर व क्षेत्र पंचायत, प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य के लिए ब्लाक पर नामांकन बिक रहे हैं। पिछले बार 20 हजार के करीब नामांकन हुए थे। इस बार नामांकन पत्रों की बिक्री के हिसाब से इस संख्या में इजाफा होने के आसार हैं।
इस तरह है जिले में चुनाव का कार्यक्रम
- नामांकन जमा, 17 से 18 अप्रैल तक (सुबह आठ से शाम पांच बजे तक)
- नामांकन पत्रों की जांच, 19 व 20 अप्रैल तक (सुबह आठ से कार्य समाप्ति तक)
-नाम वापसी, 21 अप्रैल (सुबह आठ से दोपहर तीन बजे तक )
-चुनाव चिह्न आवंटन 21 अप्रैल (दोपहर तीन बजे से कार्य समाप्ति तक)
- मतदान, 29 अप्रैल (सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक)
- मतगणना, दो मई (सुबह आठ बजे से कार्य समाप्ति तक)
शिक्षिकाओं की ड्यूटी के विरोध में शिक्षक संघ लामबंद
पंचायत चुनाव में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाली उन शिक्षिकाओं की ड्यूटी भी पीठासीन अधिकारी के तौर पर लगाई गई है जो प्रसूति अवकाश पर हैं या उनको अन्य गंभीर समस्या हैं। इसके अलावा दिव्यांग शिक्षिकाओं की ड्यूटी भी पीठासीन अधिकारी के तौर पर लगाई गई है। इसके विरोध में शिक्षक संघ लामबंद हो गए हैं। सभी ने एक सुर में ऐसी शिक्षिकाओं की ड्यूटी हटवाने की मांग बीएसए व डीएम व चुनाव आयुक्त स्तर तक उठाई है।
ड्यूटी में बरती गयी घोर लापरवाही
उत्तरप्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. प्रशांत शर्मा ने कहा कि जब बेसिक शिक्षा विभाग से सूची तैयार होकर गई थी तो उसमें प्रसूति अवकाश, बाल्यदेखभाल अवकाश, अन्य गंभीर बीमारियों से पीडि़त व दिव्यांग शिक्षिकाओं के नाम के सामने उनकी समस्या अंकित की गई थी। फिर भी बिना देखे व समझे घोर लापरवाही करते हुए सभी के नाम पीठासीन अधिकारी की ड्यूटी में लगाए गए। संगठन इस बड़े स्तर पर विरोध करेगा। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला महामंत्री सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि ड्यूटी जारी होते ही तमाम शिक्षिकाओं की शिकायतें आई हैं, जो ड्यूटी करने में वास्तव में अक्षम हैं उनको इस जिम्मेदारी से मुक्त करना चाहिए। वरना संगठन आंदोलन को मजबूर होगा। वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री मुकेश कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि वे शुक्रवार शाम ही पदाधिकारियों के साथ डीएम कार्यालय पर विरोध जताकर ज्ञापन देकर आए हैं। अगर पीडि़त शिक्षिकाओं की ड्यूटी नहीं हटती तो पुरजोर तरीके से विरोध होगा।