अयोध्या रवानगी से पहले अक्टूबर 1990 में आंदोलनकारियों पर लगाई थी एनएसए Aligarh news
वर्ष 1990 में मुलायम सरकार ने आंदोलनकारियों को काबू में करने के लिए फोर्स को छूट दे रखी थीं। अनिल जलाली को पुलिस गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई।
अलीगढ़ [जेएनएन]। अयोध्या राममंदिर निर्माण व विवादित ढांचा गिराने के लिए रवाना होने से पहले कारसेवकों का पुलिस से जमकर संघर्ष चला था। वर्ष 1990 में मुलायम सरकार ने आंदोलनकारियों को काबू में करने के लिए फोर्स को छूट दे रखी थीं। घटना 11 अक्टूबर वर्ष 1990 की रात दो बजे की है। विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस व भाजपा के नेता केके नवमान के अति निकटतम अनिल जलाली के महेंद्र नगर हनुमानपुरी निवासी अनिल जलाली के घर पर फोर्स ने दविश दी। घर की दूसरी मंजिल पर चढऩे के लिए पुलिस कर्मियों ने नसेनी का प्रयोग किया। अनिल जलाली को पुलिस गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। इससे पहले नवमान को भी गिरफ्तार किया जा चुका था। इस दौरान दो ट्रक पीएसी के थे।
नवमान के साथ अनिल जलाली सहित 25 से 30 कारसेवकों को आगरा जेल में शिफ्ट कर दिया। अगले रोज फोर्स ने अनिल के छोटे भाई को मदारगेट स्थित प्रतिष्ठान से राजीव जलाली को गिरफ्तार कर लिया। राजीव जलाली को अलीगढ़ की जेल में रखा गया। यह पहले अलीगढ़ के कारसेवक थे। उनके साथ जेल में मैनपुरी, एटा व आसपास के जिलों के कारसेवक थे। घर के दो सदस्य के जेल में बंद होने से गुस्साए जलाली परिवार के चंद्र किशोर जलाली ने पुलिस के खिलाफ बगावत तेज कर दी। गुस्से का दूसरा कारण एनएसए में पाबंद करना भी था। घटनाक्रम के छह दिन बाद चंद्र किशोर जलाली को भी 50 कारसेवकों के साथ गिरफ्तार किया गया।
कारसेवकों का संघर्ष
बजरंग के कार्यकर्ता अनिल जलाली ने बताया कि मैं घर पर था। अचानक भारी फोर्स ने घर को घेर लिया था। हम ऊपर की मंजिल पर थे। पुलिस ने गेट के बाहर नसैनी लगाई। खिड़की से प्रवेश कर गए। एक माह तीन दिन तक आगरा जिला कारागार व सेंट्रल जेल में बंद रहा था। दीपावली जेल में मनाई थी। कारसेवक राजीव जलाली ने बताया कि मैं अपनी मदारगेट स्थित मिठाई की दुकान पर काम कर रहा था। अचानक फोर्स आई। मुझे गिरफ्तार किया गया। कोतवाली में रखा गया। सुबह अलीगढ़ जेल भेज दिया। अब मंदिर बनने का सपना साकार हो रहा है। कारसेवक चंद्र किशोर जलाली ने बताया कि कारसेवकों का संघर्ष रंग ला रहा है। 20 दिन जेल रहा था। अब अयोध्या में दिव्य व भव्य राममंदिर का निर्माण हो रहा है। यह परम आनंद का क्षण होगा।