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अब सरकारी स्कूलों में संस्कृत की पाठशाला में पढ़ेंगे नौनिहाल Aligarh News

कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में नए सत्र से संस्कृत की पाठशाला भी लगाई जाएगी। शुरुआती चरण में कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं को संस्कृत की अलग से कक्षा लगाकर पढ़ाई कराई जाएगी। निचली कक्षाओं के लिए भी ये व्यवस्था होगी।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 01:32 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 01:32 PM (IST)
अब सरकारी स्कूलों में संस्कृत की पाठशाला में पढ़ेंगे नौनिहाल  Aligarh News
कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में नए सत्र से संस्कृत की पाठशाला भी लगाई जाएगी।

अलीगढ़, जेएनएन। कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में नए सत्र से संस्कृत की पाठशाला भी लगाई जाएगी। शुरुआती चरण में कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं को संस्कृत की अलग से कक्षा लगाकर पढ़ाई कराई जाएगी। इसके बाद निचली कक्षाओं के लिए भी ये व्यवस्था होगी। कोरोना काल से राहत मिलने के बाद जब विद्यालय खुलेंगे तो विद्यार्थियों की संस्कृत की अतिरिक्त कक्षाएं भी चलाई जाएंगी। जिलास्तर पर अफसरों की ओर से ये व्यवस्था बनाई गई है। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय का कहना है कि संस्कृत में अगर विद्यार्थी की पकड़ मजबूत हो जाएगी तो उसको अन्य विषयों को सीखने में दिक्कत नहीं होगी। अंग्रेजी, अरबी, फारसी के शब्द संस्कृत से ही अपभ्रंश होकर निकले हैं। इनके अलावा विद्यार्थियों को गणित और विज्ञान विषयों की तैयारी भी अलग से कराई जाएगी। इन विषयों की तैयारी हो जाने से बच्चों को भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में कभी भय नहीं होगा।

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बीएसए ने संस्‍कृत से की है पीएचडी

संस्कृत से पीएचडी कर शिक्षाधिकारी बनने तक का सफर तय करने वाले बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि विद्यालय खुलने पर बच्चों को भाषा पर पकड़ मजबूत कराने का काम किया जाएगा। हिंदी व संस्कृत में बेहतर करने वाले छात्र-छात्राओं को चिह्नित किया जाएगा। उनको तैयारी कराने के साथ अन्य इच्छुक छात्र-छात्राओं को संस्कृत की अच्छे से तैयारी कराई जाएगी। संस्कृत, गणित व विज्ञान अगर तीनों में विद्यार्थी मजबूती हासिल कर लें तो भविष्य में कभी भी प्रतियोगी परीक्षाओं की टेंशन नहीं होगी। नई शिक्षा नीति मेें भी मातृभाषा को तरजीह देते हुए शिक्षण कार्य कराया जाएगा। इसलिए हिंदी पर भी मजबूत पकड़ के लिए बच्चों को तैयारी कराई जाएगी। बताया कि नए सत्र मेें कोरोना काल से मुक्ति के बाद स्कूल खुलने पर संस्कृत सीखने के इच्छुक विद्यार्थियों  की अलग से कक्षा चलाने की व्यवस्था भी की जाएगी।


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