Aligarh News: बेसिक शिक्षा विभाग के जीपीएफ घोटाले का अब विशेष आडिट
GPF scam in Aligarh यूपी के अलीगढ़ में बेसिक शिक्षा विभाग में जीपीएफ के नाम पर बड़े घोटाले का अब विशेष आडिट शुरू हो गया है। शासन स्तर से की गई विशेष जांच में 4.92 करोड़ की गड़बड़ी सामने आ चुकी है।
अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर। बेसिक शिक्षा विभाग में जीपीएफ के नाम पर बड़े घोटाले का अब विशेष आडिट शुरू हो गया है। शासन स्तर से की गई विशेष जांच में 4.92 करोड़ की गड़बड़ी सामने आ चुकी है। 2002 से 2018 के बीच में सभी ब्लाकों में यह खेल हुआ था। 2020 में तत्कालीन डीएम चंद्रभूषण सिंह के पत्र के आधार पर शासन से जांच के आदेश हुए थे। जांच में 2010 से 2012 के बीच के कुछ दस्तावेज गायब मिले थे। इसके बाद शासन स्तर से विशेष आडिट का निर्णय लिया गया। बीते दिनों पांच सदस्यीय विशेष आडिट टीम ने यहां कोषागार व विभागीय कार्यालय में जांच की। यह टीम अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगी।
यह है मामला
2020 में पहली बार टप्पल ब्लाक में एक सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक के खाते से जीपीएफ में गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ था। इसमें सामने आया था कि इस शिक्षक के खाते में दर्जनों बार जिला स्तर से जीपीएफ भेजा गया है। डीएम रहे चंद्रभूषण सिंह ने जिला स्तर पर जांच के आदेश दिए। मुख्य कोषागार अधिकारी ने जांच की। इसमें 97 लाख रुपये की गड़बड़ी मिली। जिलास्तरीय टीम को विभाग से 2010 से 2012 के बीच के कुछ दस्तावेज नहीं मिले। इसलिए टीम पूरी जांच नहीं कर सकी। जिला स्तर से शासन को पत्र भेजकर विशेष जांच की मांग की गई थी।
4.92 करोड़ का गड़बड़ी
जिला प्रशासन के पत्र के आधार पर शासन ने दो सदस्यीय विशेष जांच कमेटी नियुक्ति की। इस कमेटी ने जांच में पाया कि टप्पल समेत जिले के सभी ब्लाकों में 2002 से लेकर 2018 के बीच में यह खेल हुआ है। तमाम शिक्षकों के खातों में गलत तरीके से जीपीएफ डाला गया। इस टीम को भी पूरे दस्तावेज नहीं मिले। अब विशेष आडिट के निर्देश दिए गए हैं।
जांच को पहुंची आडिट टीम
पिछले दिनों शासन स्तर से पांच सदस्यीय विशेष आडिट टीम जिला स्तर पर जांच को पहुंची। टीम ने अपनी जांच में पूर्व में की गई जांचों को शामिल किया । कोषागार में भी पड़ताल की। बेसिक शिक्षा कार्यालय में दस्तावेज खंगाले। यह विशेष आडिट टीम अपनी विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
गायब अभिलेखों से उठ रहे सवाल
जीपीएफ घोटाले में अब तक तीन जांच हो चुकी हैं। पहली जांच विभागीय स्तर पर हुई। इसके बाद जिला स्तर से जांच कराई गई। शासन स्तर से विशेष जांच हुई। इस सभी जांचों में विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। विभाग में जीपीएफ से जुड़े तमाम अहम दस्तावेज गायब हैं। रजिस्टरों से कागज फटे हैं। इसलिए विशेष आडिट कराया जा रहा है।