अब दूसरों के भरोसे नहीं, सरकारी योजनाओं का लाभ खुद लेंगे नौनिहाल Aligarh News
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ मुफ्त में दिया जाता है। मगर इसके लिए उनको टेंडर प्रक्रिया क्रय आदेश अफसरों के आदेश वितरण की व्यवस्था शासन के बजट आदि पर निर्भर रहना होता है।
अलीगढ़, जेएनएन। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ मुफ्त में दिया जाता है। मगर इसके लिए उनको टेंडर प्रक्रिया, क्रय आदेश, अफसरों के आदेश, वितरण की व्यवस्था, शासन के बजट आदि पर निर्भर रहना होता है। सब कुछ सही से हो तो उसके बाद जनप्रतिनिधियों से समय लेकर वितरण कार्यक्रम की तिथि घोषित की जाती है। इसमें भी चार से छह दिन बीत जाते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि दिसंबर की शुरुआत तक बच्चों को स्वेटर नहीं मिल पाते। कभी टेंडर अटक जाते हैं ताे कभी क्रय आदेश जारी नहीं हो पाते हैं। मगर अब नौनिहाल खुद इन योेजनाओं का सीधे लाभ उठा सकेंगे। शासन की ओर से इस दिशा में कदम बढ़ाया गया है।
यह है योजना
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को मुफ्त जूता, मोचा, बैग, ड्रेस, स्वेटर आदि का वितरण किया जाता है। लगभग हर योजना का लाभ विद्यार्थियों को देर से ही मिल पाता है। मगर अब शासन ने वितरण कार्यक्रम को खत्म कर सीधे विद्यार्थी या उनके अभिभावकों की ओर से सीधे योजनाओं के लाभ से जुड़ने की व्यवस्था की जा रही है। अगर सभी प्रयास ठीक से सफल हुए तो नए सत्र से ये सुविधा नौनिहालों को मिलना शुरू भी हो जाएगी। दरअसल, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्वेटर, जूता-मोजा, बैग, ड्रेस खुद खरीदने का मौका दिया जाएगा। अलग-अलग योजना के लिए राशि भी तय कर दी गई है। यह राशि सीधे बच्चों या उनके अभिभावकों के खाते में जाएगी। कुल 1046 रुपये की राशि खाते में भेजी जाएगी। इससे नौनिहाल ड्रेस, स्वेटर, जूते, मोजे व स्कूल बैग खुद क्रय कर सकेंगे। बाकी एमडीएम व किताबों का वितरण स्कूल में ही किया जाएगा।
ये होंगे मूल्य
ड्रेस के लिए 600 रुपये
स्वेटर के लिए 200 रुपये
जूते के लिए 135 रुपये
मोजे के लिए 21 रुपये
स्कूल बैग के लिए 100 रुपये
बेहतरीन व्यवस्था होगी
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि शासन की ओर से नौनिहालों के खाते में 1046 रुपये राशि भेजने की व्यवस्था पर काम किए जाने की जानकारी हुई है। इसको लागू करने के लिए स्पष्ट आदेश अभी शासन की ओर से आने हैं। इससे विद्यार्थियों, शिक्षकों व अभिभावकों सभी को आराम होगा व बच्चों को गुणवत्तापरक चीजें खुद खरीदने की आजादी होगी। यह बेहतरीन व्यवस्था होगी।