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अलीगढ़ में अब सभी तरह के बोरिंग से पहले पंजीकरण कराना अनिवार्य Aligarh news

भूजल के अंधाधुंध उपयोग को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब सभी तरह के बोरिंग के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। घरेलू व कृषि इकाइयों का बोङ्क्षरग पंजीकरण मुफ्त में होगा। वहीं व्यावसायिक बोरिंग के लिए 10 हजार की धनराशि खर्च होगी।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 21 Aug 2021 10:40 AM (IST)Updated: Sat, 21 Aug 2021 11:15 AM (IST)
अलीगढ़ में अब सभी तरह के बोरिंग से पहले पंजीकरण कराना अनिवार्य Aligarh news
अब सभी तरह के बोरिंग के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

अलीगढ़, जेएनएन।  भूजल के अंधाधुंध उपयोग को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब सभी तरह के बोरिंग के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। घरेलू व कृषि इकाइयों का बोरिंग पंजीकरण मुफ्त में होगा। वहीं, व्यावसायिक बोरिंग के लिए 10 हजार की धनराशि खर्च होगी। इसमें पांच हजार की फीस पंजीकरण व पांच हजार का शुल्क एनओसी के लिए होगा। भूजल अधिनियम 2019 के तहत नए आदेशों को लागू कराया जा रहा है।

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घटते भूजल स्‍तर से सरकार चिंतित

जमीन के अंदर से निरंतर घटते भूजल स्तर का सबसे बड़ा और अहम कारण इसका अंधाधुंध उपयोग है। इससे निपटने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है। रेन वाटर हार्वेस्‍टिंग समेत अन्य उपाय किए जा रहे हैं। अब प्रदेश सरकार ने भूजल अधिनियम 2019 लागू किया है। इसके तहत अब सभी तरह के बोरिंग के लिए पंजीकरण कराना होगा। इस अधिनियम को लागू कराने के लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद का गठन किया है। इसी को बोरिंग के लिए एनओसी जारी करने का अधिकार रहेगा। डीएम सेल्वा कुमारी जे ने बताया कि जिले में सभी प्रकार के बोरिंग पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। नए नियमों के तहत अब कृषि व घरेलू बोरिंग का पंजीकरण मुफ्त में होगा। वहीं, व्यावसायिक बोरिंग के लिए 10 हजार की धनराशि खर्च होगी। इसमें पांच हजार रुपये पंजीकरण शुल्क व पांच हजार रुपये एनओसी शुल्क होगा।

इन्‍हें भी व्‍यावसायिक पंजीकरण कराना होगा

उन्होंने बताया कि होटल, हास्पिटल, गाड़ी धुलाई सेंटर, आरओ प्लांट के संचलन के लिए भी व्यावसायिक पंजीकरण कराना होगा। अगर कहीं भी बिना पंजीकरण इनका संचालन होता है तो फिर जुर्माना व जेल भेजने की कार्रवाई होगी। लघु सिंचाई के सहायक अभियंता एवं भूगर्भ जल मामलों के नोडल अफसर विजेंद्र सिंह सुमन ने बताया कि व्यावसायिक बोरिंग पर प्रतिदिन पानी के खर्च के लिए वार्षिक शुल्क अलग से लिया जाएगा। पंजीकरण की वैद्यता तीन साल की रहेगी।


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