Move to Jagran APP

अब इस वजह से लालडिग्गी बिजलीघर पर आज होगी किसान नेताओं की पंचायत

बिजली बिल घोटाले के विरोध में रविवार को भी लालडिग्गी बिजलीघर पर किसान नेताओं का धरना जारी रहा। सोमवार को यहां किसान संगठनों की पंचायत होगी। घोटाले के संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल लखनऊ में मुख्य सचिव से मुलाकात करेगा।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 06:06 AM (IST)Updated: Mon, 27 Dec 2021 06:19 AM (IST)
अब इस वजह से लालडिग्गी बिजलीघर पर आज होगी किसान नेताओं की पंचायत
बिजली बिल घोटाले के विरोध में रविवार को भी लालडिग्गी बिजलीघर पर किसान नेताओं का धरना जारी रहा।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। बिजली बिल घोटाले के विरोध में रविवार को भी लालडिग्गी बिजलीघर पर किसान नेताओं का धरना जारी रहा। सोमवार को यहां किसान संगठनों की पंचायत होगी। घोटाले के संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल लखनऊ में मुख्य सचिव से मुलाकात करेगा।

loksabha election banner

बिजली बिल में पौने दो करोेेड़ का हुआ घोटाला

धरना संयोजन समिति के सदस्य शशिकांत ने बताया कि बिजली बिल में 1.85 करोड़ का घोटाला हुआ है। बिल का भुगतान करने के बाद भी किसानों के बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं। अफसर घर-घर जाकर रिकवरी की धमकी दे रहे हैं। जबकि, विभागीय कर्मचारियों ने ही उपभोक्ताओं से बिल की वसूली कर विभाग में पैसा जमा नहीं किया। रिकवरी उन कर्मचारी और इन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों से होनी चाहिए। इसी के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। धरना संयोजन समिति ने सोमवार को सुबह 11 बजे धरना स्थल पर पंचायत करने का निर्णय लिया है। इसमें जिलेभर के किसान नेता शामिल होंगे। लखनऊ में मुख्य सचिव से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कड़कड़ाती सर्दी में भी सात दिन से धरना जारी है। लेकिन, किसी विभागीय अधिकारी ने किसान नेताओं से अब तक संपर्क नहीं किया है। धरने में गजेेंद्र सिंह, मोहम्मद इदरीस, सूरजपाल उपाध्याय, सुभाष शर्मा, सुरेश चंद्र गांधी आदि शामिल रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.