Move to Jagran APP

अलीगढ़ जेल से कुख्यात ने आगरा के सर्राफ से मांगी चौथ

अलीगढ़ जेल में 10 साल की सजा काट रहे कैदी ने आगरा के प्रमुख सर्राफ आनंद अग्रवाल से फोन कर पांच लाख की चौथ मांगी। इन्कार करने पर परिवार को खत्म करने की धमकी भी दी।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 11:36 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 11:36 AM (IST)
अलीगढ़ जेल से कुख्यात ने आगरा के सर्राफ से मांगी चौथ
अलीगढ़ जेल से कुख्यात ने आगरा के सर्राफ से मांगी चौथ

अलीगढ़ (जेएनएन)। अलीगढ़ जेल में 10 साल की सजा काट रहे कैदी ने आगरा के प्रमुख सर्राफ आनंद अग्रवाल से फोन कर पांच लाख की चौथ मांगी। इन्कार करने पर परिवार को खत्म करने की धमकी भी दी। मोबाइल एक बंदी रक्षक (सिपाही) ने 10 हजार रुपये लेकर उपलब्ध कराया था। इस सिपाही को निलंबित कर फीरोजाबाद जेल से अटैच कर मुकदमा व विभागीय कार्रवाई की जा रही है। वहीं, थाना हरीपर्वत में कैदी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है।

loksabha election banner

ये है रंजिश की वजह
आगरा हरीपर्वत के अवागढ़ हाउस निवासी सर्राफ आनंद अग्रवाल श्री सराफा कमेटी के संरक्षक हैं। उन्हें 16 सितंबर 2012 की रात एमजी रोड पर अंजना सिनेमा के सामने बाइक सवारों ने गोली मारकर घायल कर दिया था। पुलिस ने इसका पर्दाफाश करते हुए थाना एमएम गेट के फुलट्टी निवासी  विनय उर्फ बिल्लू वर्मा और उसके साथियों को गिरफ्तार किया था। मामले में अदालत ने बिल्लू वर्मा को दस वर्ष की सजा सुनाई है।

धमकी देकर बनाया फैसले का दबाव
 जेल अधीक्षक आलोक सिंह के मुताबिक आगरा जेल से बिल्लू एटा जेल शिफ्ट किया गया था। 2016 में ये अपराधी एटा से अलीगढ़ जेल भेज दिया गया। तभी से यहीं है। जेल में तैनात सिपाही नरेंद्र भदौरिया से बिल्लू की मुलाकात आगरा जेल में हुई थी। दिसंबर- 16 में नरेंद्र की तैनाती अलीगढ़ हो गई। बिल्लू के कहने पर 17 मार्च को नरेंद्र ने मोबाइल दे दिया। इसी मोबाइल से बिल्लू ने आगरा के सर्राफ को धमकी देकर फैसले का दबाव बनाया था। बताया कि मुनीर के नाम से धमकी या सुपारी देने जैसा कोई मामला नहीं है, धमकाने की बात कैदी ने जरूर बताई। 18 मार्च को सिपाही ने मोबाइल ले लिया।

सिपाही को निलंबित कर फीरोजाबाद अटैच किया
जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि व्यापारी की शिकायत पर आगरा एसटीएस के एक अधिकारी स्थानीय टीम के साथ 19 मार्च को जेल आए थे। सर्विलांस के जरिए पहले ही पड़ताल कर ली गई थी। सिपाही और कैदी से पूछताछ में भी पुष्टि हो गई। 20 मार्च को सिपाही निलंबित कर फीरोजाबाद जेल से अटैच कर दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.