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कोरोना का खौफ, सिजेरियन से नॉर्मल होने लगीं डिलीवरी Aligarh news

जिन गर्भवतियों को उनकी डॉक्टर ने सिजेरियन के लिए बोला उनकी भी नॉर्मल डिलीवरी हुई है। इससे प्रसूता व उनके परिजनों को काफी राहत मिली है।

By Parul RawatEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 12:36 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 12:36 PM (IST)
कोरोना का खौफ, सिजेरियन से नॉर्मल होने लगीं डिलीवरी Aligarh news
कोरोना का खौफ, सिजेरियन से नॉर्मल होने लगीं डिलीवरी Aligarh news

अलीगढ़, [विनोद भारती]। कोरोना काल में केवल बुरा नहीं, बहुत कुछ अच्छा भी हो रहा है। डिलीवरी के मामले में ऐसा ही है। कोरोना के खौफ और सख्त प्रोटोकॉल के चलते शहर में गायनोकोलोजिस्ट डॉक्टरों ने सिजेरियन डिलीवरी काफी कम कर दी हैं। नॉर्मल डिलीवरी पर ज्यादा जोर है। जिन गर्भवतियों को उनकी डॉक्टर ने सिजेरियन के लिए बोला, उनकी भी नॉर्मल डिलीवरी हुई है। इससे प्रसूता व उनके परिजनों को काफी राहत मिली है। समय और पैसा दोनों बच रहे हैं।

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पहले नॉर्मल भी सिजेरियन!

लॉकडाउन से पहले की बात करें तो  निजी नर्सिंग होम व अस्पतालों में शिशुओं को खूब किलकारियां गूंजती थीं। यह अलग बात थी कि इनमें 20 फीसद से ज्यादा बच्चे सिजेरियन से पैदा होते। डिलीवरी को नॉर्मल से सिजेरियन करने के लिए गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर हमेशा कटघरे में रहे। यूं कहें कि कई नर्सिंग होम में तो गर्भवती व उसके स्वजनों को इतना डरा दिया जाता था कि वे कहते ही सिजेरियन को तैयार हो जाते। वहीं, कुछ गर्भवती को वहां से रेफर कराकर अन्यत्र भर्ती कराते। पला साहिबाबाद के अंकुर ने बताया कि छह माह पूर्व गर्भवती पत्नी को रामघाट रोड स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने तुरंत अल्ट्रासाउंड किया। बताया कि बच्चा सही दिशा में नहीं है। मैं नॉर्मल डिलीवरी का खतरा नहीं ले सकती। बोलो तो सिजेरियन करूं। इसके बाद मैं पत्नी को रामघाट रोड के ही दूसरे अस्पताल लाया। वहां एक घंटे बाद ही नॉर्मल डिलीवरी हो गई।

लॉकडाउन के बाद बदली स्थिति

शहर के एक प्रसिद्ध नर्सिंग होम में कार्यरत ओटी टेक्नीशियन ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लॉकडाउन की अवधि में कम से कम 50 डिलीवरी के मामले उनके नर्सिंग होम में आए थे। उनमें बमुश्किल पांच की ही सिजेरियन डिलीवरी हुई। वे भी पहले से देखरेख में रहीं महिलाओं की। कई ऐसे भी मामले आए, जिन्हें घर भेज दिया तो घरों में ही बड़े आराम से नॉर्मल डिलीवरी हुई।

सरकारी अस्पताल में बढ़े सिजेरियन

महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. जेपी शर्मा ने बताया कि पिछले साल एक अप्रैल से 20 जून तक 1691 नॉर्मल व 88 सिजेरियन डिलीवरी हुई, वहीं इस वर्ष 1538 नॉर्मल व 116 सिजेरियन डिलीवरी हुई। सिजेरियन के ज्यादातर मामले निजी अस्पतालों से ही रेफर होकर आए।

महंगा है सिजेरियन

सिंघल नर्सिंग होम की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सविता सिंघल ने बताया कि सिजेरियन के लिए काफी प्रोटोकॉल का पालन करना होता है। संक्रमण का डर भी है। सिजेरियन से पूर्व महिला की महंगी कोरोना जांच करानी पड़ती है, इसलिए ऐसे मरीज रेफर कर देते हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीके शर्मा का कहना है कि कई निजी अस्पतालों में अनावश्यक रूप से सिजेरियन किए जाने की सूचनाएं मिलती रही हैं, मगर कोरोना कॉल में संक्रमण के डर से सिजेरियन से डॉक्टर बच रहे हैं। इससे मरीजों को काफी राहत मिली है।


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