अलीगढ़ में वार्डों से तैनात किए नोडल अधिकारी हुए लापता, जानिए क्या है मामला
जन समस्याओं के निस्तारण के लिए वार्ड स्तर पर तैनात किए गए नोडल अधिकारी लापता हैं। कुछ दिनों तक ही इनकी सेवाएं चली बाद में व्यवस्थाएं पुराने ढर्रे पर आ गईं। कागजों पर तो नोडल अधिकारी अब भी अपने-अपने क्षेत्रों में नियुक्त हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जन समस्याओं के निस्तारण के लिए वार्ड स्तर पर तैनात किए गए नोडल अधिकारी लापता हैं। कुछ दिनों तक ही इनकी सेवाएं चली, बाद में व्यवस्थाएं पुराने ढर्रे पर आ गईं। कागजों पर तो नोडल अधिकारी अब भी अपने-अपने क्षेत्रों में नियुक्त हैं, लेकिन मौके पर कहीं नजर नहीं आते। लोग समस्याएं लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं, लेकिन वहां नगर निगम का कोई कर्मचारी माैजूद नहीं होता। विभागीय अधिकारियों को इतनी फुर्सत नहीं है कि फोन तक उठा लें। समस्या के निस्तारण का भरोसा दिलाकर वे पूछते तक नहीं। जाम-प्रदर्शन अक्सर होते हैं, लेकिन किसी भी क्षेत्र में नोडल अधिकारी मौजूद नहीं रहते।
मौके पर नहीं पहुंचते नोडल अधिकारी
सड़क, सफाई, पेयजल, पथ प्रकाश की व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए इसी साल आठ जुलाई को 80 वार्डों में 24 नोडल अधिकारी तैनात किए गए थे। नगर आयुक्त के स्पष्ट निर्देश थे कि नोडल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों का क्षेत्रीय पार्षदों के साथ नियमित दौरा कर जन संवाद करेंगे। समस्या मिलने पर उसका समाधान मौके पर ही कराने का पूरा प्रयास करेंगे। नोडल अधिकारियों की जीपीएस लोकेशन लेने की व्यवस्था भी की गई। सभी नोडल अधिकारियों के मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए गए थे। जिससे लोग इनसे सीधे संपर्क कर समस्याएं बता सकें। कुछ दिनों तक व्यवस्थाएं ठीक-ठाक चलीं। नोडल अधिकारी फील्ड पर निकले, लोगों से संवाद भी किया, काम भी कराए गए। लेकिन यह सुविधाएं लोगों को चार-पांच दिन ही मिल सकीं। फिर नोडल अधिकारी मानो लापता ही हो गए। शहर में सड़क, गड्ढे, लीकेज की समस्याओं को लेकर जाम-प्रदर्शन होते रहते हैं। सभी जगह नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए थे, लेकिन मौके पर कोई नोडल अधिकारी नहीं पहुंचता। पिछले कुछ दिनों से भुजपुरा, इंद्रानगर, डोरीनगर आदि इलाकों में गंदगी, जलभराव की शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन कोई नोडल अधिकारी शिकायतों का निस्तारण करने नहीं पहुंच रहा। ऐसा ही होना था तो नोडल अधिकारियों की व्यवस्था की क्यों गई?