महाराष्ट्र में रार कराने वाला एएमयू के पूर्व छात्र के लिए अलीगढ़ में है नो एंट्री
सियासी घमासान मचाने वाला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी भले ही देश में स्वछंद घूम रहा हो लेकिन अलीगढ़ में उसके लिए एंट्री नहीं है। अलीगढ़ जिला प्रशासन ने उसके जिले में प्रवेश करने पर छह माह प्रतिबंध लगा दिया है।
अलीगढ़, जेएनएन। महाराष्ट्र में अपने बयान से सियासी घमासान मचाने वाला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी भले ही देश में स्वछंद घूम रहा हो लेकिन अलीगढ़ में उसके लिए एंट्री नहीं है। अलीगढ़ जिला प्रशासन ने उसके जिले में प्रवेश करने पर छह माह प्रतिबंध लगा दिया है। जिला बदर होने के बाद से वो यहां नहीं हैं। लेकिन एएमयू के छात्रों के लगातार संपर्क में है।
यह है मामला
सरजील उस्मानी सीएए को लेकर एएमयू में हुए बवाल के मामले मेें जेल गया था। फिलहाल वह जमानत पर है। शरजील मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला है। एएमयू में उसके पिता शिक्षक हैं। एएमयू में बीए की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन पढ़ाई छोड़ दी। दिसंबर 2019 में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की बाबरी से जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद शरजील उस्मानी चर्चा में आया था। दिसंबर 2019 में नागरिक सुरक्षा कानून (सीएए) के विरोध एएमयू से तेज हुआ। इस दौरान जवाहरलाल नेहरू (जेएन) यूनिवर्सिटी के छात्र शरजील इमाम ने एएमयू में आकर देश विरोधी बयान दिया, जिसके साथ शरजील उस्मानी मौजूद था। 15 दिसंबर 2019 को बवाल हो गया था। इसकी साजिश में शरजील उस्मानी का नाम मुख्य सात साजिशकर्ताओं में सामने आया था। इसके चलतेथाना सिविल लाइन में चार मुकदमे दर्ज हुए थे। शरजील को लखनऊ, दिल्ली व अन्य जिलों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होते देखा गया था। सीएए के खिलाफ बने फ्रैटरनिटी मूवमेंट में पदाधिकारी बना। एटीएस ने आठ जुलाई को शरजील को आजमगढ़ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सितंबर के अंत में शरजील को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इसके बाद चार नवंबर को प्रशासन ने शरजील के खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्रवाई करते हुए जिला बदर किया था। शरजील ने इसके खिलाफ कमिश्नर की कोर्ट में अपील डाली थी, जो लंबित है। शरजील के पिता एएमयू में प्रोफेसर हैैं।
सख्त कार्रवाई की मांग
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडऩवीस ने शरजील उस्मानी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने धमकी दी है कि शरजील उस्मानी पर उचित कार्रवाई न की गई तो भाजपा सरकार के विरुद्ध आंदोलन छेड़ेगी। 2017 की तर्ज पर एक बार फिर पुणे में बीती 30 जनवरी को एलगार परिषद का आयोजन किया गया था। इसमें शरजील उस्मानी के अलावा लेखिका अरुंधती राय, पूर्व आइपीएस एसएम मुशरिफ एवं मुंबई उच्च न्यायालय के पूर्व जज बीजी कोलसे-पाटिल भी शामिल हुए थे। परिषद में शरजील उस्मानी ने एक धर्म विशेष पर तीखी टिप्पणियां की थीं। फडऩवीस का कहना है कि शरजील ने अपने भाषण में हिंदुओं का अपमान किया है। फडऩवीस ने स्वयं ट्वीट कर अपने इस पत्र की जानकारी दी है।