अलीगढ़ में बच्चों के अपहरण, खरीद-फरोख्त व जहरीली शराब प्रकरण में नहीं मिली जमानत
थाना महुआखेड़ा पुलिस ने मासूमों का अपहरण कर उन्हें मोटी रकम लेकर निसंतान दंपतियों को उपलब्ध कराने के मामले में पुलिस ने पूरे गिरोह का राजफाश किया था।
जासं, अलीगढ़ : थाना महुआखेड़ा क्षेत्र में मासूम बच्चों का अपहरण कर उनकी खरीद-फरोख्त में शामिल आरोपितों की जमानत याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। जहरीली शराब प्रकरण में भी न्यायालय ने दो आरोपितों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि शहर की थाना महुआखेड़ा पुलिस ने मासूमों का अपहरण कर उन्हें मोटी रकम लेकर नि:संतान दंपतियों को उपलब्ध कराने के मामले में पुलिस ने पूरे गिरोह का राजफाश किया था। कुछ बच्चों को बरामद करने के साथ मौके से आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस प्रकरण में तीन महिलाओं समेत छह आरोपितों ने न्यायालय में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आरोपित एटा के थाना मिरहची निवासी दुर्योधन, उसकी पत्नी रश्मि व धर्मवीर, हाथरस के कस्बा हसायन निवासी शुभम, गांधीपार्क के गंगानगर निवासी बबली पत्नी कुशलपाल, अनीता पत्नी धर्मवीर सिंह की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
जहरीली शराब प्रकरण में आरोपित हरदुआगंज निवासी रिकू व अकराबाद निवासी अवधेश के जमानत प्रार्थना पत्र को भी अदालत ने खारिज कर दिया है। तारिक हत्याकांड में अब
11 को होगी अगली गवाही
जासं, अलीगढ़: कोतवाली क्षेत्र के बाबरी मंडी में 23 फरवरी 2020 को बवाल के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिसा में हुई मोहम्मद तारिक की मौत के मामले में शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तिथि तय की है।
बाबरी मंडी के रहने वाले मोहम्मद तारिक की हत्या में विनय वाष्र्णेय को नामजद कराया गया था। विनय को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वह इस समय एटा जेल में है। कोर्ट में तारिक के भाई शारिक, आमिर, पिता मुनव्वर व एक अन्य की गवाही चुकी है। इस मामले में शुक्रवार को कोर्ट में तकनीकी कारणों से सुनवाई नहीं हो सकी। अब 11 अक्टूबर सुनवाई होगी।