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फर्जी दस्तावेज से नौ साल की नौकरी, अब सेवा समाप्ति की संस्तुति, जानिए पूरा मामला Aligarh news

माध्यमिक शिक्षा परिषद के खैर स्थित श्री ओमप्रकाश मीतल इंटर कालेज में फर्जी दस्तावेजों से नौैकरी पाने का खेल सामने आने पर एक शिक्षिका की सेवा समाप्ति की संस्तुति की गई है। अभी विश्वविद्यालय से सत्यापन रिपोर्ट आने का इंतजार है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 07 Aug 2021 05:48 AM (IST)Updated: Sat, 07 Aug 2021 06:45 AM (IST)
फर्जी दस्तावेज से नौ साल की नौकरी, अब सेवा समाप्ति की संस्तुति, जानिए पूरा मामला Aligarh news
फर्जी दस्तावेजों से नौैकरी पाने का खेल सामने आने पर एक शिक्षिका की सेवा समाप्ति की संस्तुति की गई है।

गौरव दुबे, अलीगढ़ । माध्यमिक शिक्षा परिषद के खैर स्थित श्री ओमप्रकाश मीतल इंटर कालेज में फर्जी दस्तावेजों से नौैकरी पाने का खेल सामने आने पर एक शिक्षिका की सेवा समाप्ति की संस्तुति की गई है। अभी विश्वविद्यालय से सत्यापन रिपोर्ट आने का इंतजार है। रिपोर्ट आते ही शिक्षिका के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह मामला शिक्षा विभाग के अफसरों की जानकारी में चार साल पहले 2017 में उस समय आया था, जब प्रधानाचार्य व प्रबंधन के बीच नियुक्तियों को लेकर विवाद हो गया था। अफसरों ने जांच कराई तो परतें खुलती गईं। शिक्षिका नौ साल से नौकरी कर रही थी।

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हमारे यहां से नहीं किया बीएड

कालेज के प्राइमरी सेक्शन में नीतू सिंघल की सहायक अध्यापिका रूप में 21 मार्च 2012 को नियुक्ति हुई थी। नीतू ने डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की बीएड की मार्कशीट लगाई। बीएड कराने वाले कालेज का नाम मां गायत्री आर्य कन्या महाविद्यालय जलेसर एटा लिखा। एक शिकायत के बाद कालेज से आरटीआइ के तहत सूचना मांगी गई तो 15 दिसंबर 2020 को कालेज का जवाब आया कि नीतू सिंघल ने संस्थान से बीएड नहीं किया है। हालांकि अभी विश्वविद्यालय से इसकी सत्यापन रिपोर्ट नहीं आई है। अफसरों का कहना है कि विश्वविद्यालय को दो बार रिमाइंडर भेज चुके हैैं। लेकिन, सत्यापन रिपोर्ट नहीं मिली है। शिक्षिका की सेवा समाप्ति की संस्तुति कर दी गई है। विश्वविद्यालय से सत्यापन रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी।

उमेश की मार्कशीट भी संदिग्ध

इसी कालेज में उमेश गर्ग की तैनाती 2012 को सहायक अध्यापक के रूप में हुई। यह नियुक्ति भी अफसरों को संदिग्ध प्रतीत हो रही है। उमेश ने बीए व बीएड की मार्कशीट एक ही साल (2006) में हासिल की हैं। डीआइओएस ने बताया कि उमेश से इस बारे में पूछा तो तर्क दिया कि उनका सत्र 2005 था, परीक्षा 2006 में हुई। यह जवाब शिक्षकों के गले नहीं उतर रहा है। क्योंकि परीक्षा में देरी से सत्र नहीं बदलता। उमेश के दस्तावेजों की सत्यापन रिपोर्ट का भी डा. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से आने का इंतजार है।

प्रधानाचार्य के पास पत्रावली नहीं

प्रधानाचार्य अनूप वर्मा का कहना है कि उन्होंने 2012 में हुई नियुक्तियों की फाइल मांगी तो प्रबंधन ने मना कर दिया। कहा, आपके खिलाफ भी शिकायतें हैं इसलिए फाइल नहीं देंगे। कालेज में इन भर्तियों के संबंध में कोई फाइल नहीं मिली है। इसकी रिपोर्ट डीआइओएस को भेज दी गई है।

इनका कहना है

नीतू ङ्क्षसघल व उमेश के कागजात विश्वविद्यालय को भेजे हैं। वहां से सत्यापन रिपोर्ट नहीं आई है। बीएड कराने वाले कालेज के जवाब के आधार पर नीतू के खिलाफ सेवा समाप्ति की संस्तुति की गई है। उमेश के दस्तावेज भी संदिग्ध हैं।

डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा, डीआइओएस


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