Ruthless:कमिश्नरी के सामने पैंठ मैदान में कपड़े में लिपटी मिली नवजात
एक मां ने जन्म देने के कुछ वक्त बाद ही नवजात को जिंदगी से अलग कर दिया। कोख में नौ महीने रहने के दौरान उसने दुनिया में आने के तमाम ख्वाब संजोये होंगे।
अलीगढ़ जेएनएन: एक मां ने जन्म देने के कुछ वक्त बाद ही नवजात को जिंदगी से अलग कर दिया। कोख में नौ महीने रहने के दौरान उसने दुनिया में आने के तमाम ख्वाब संजोये होंगे। तमन्ना होगी कि मां के आंचल का प्यार और पापा का दुलार मिले। वो अपने नन्हें हाथों का स्पर्श करे तो मां फूली न समाए। नन्हीं परी ने इस दुनिया में कदम भी रखा, पर कोई खुशी न झलकी। लावारिस हालत में नवजात मैदान में फेंक दी गई। अफसोस, आज मां कुमाता हो गई।
रोने की आवाज पर ठिठके कदम
क्वार्सी चौराहे से चंद कदमों की दूरी पर कमिश्नरी के ठीक सामने पैंठ मैदान है। यहां शुक्रवार सुबह कुछ राहगीरों ने नवजात ब'ची के रोने की आवाज सुनीं। वह अनवरत रो रही थी। सूरज की तपन उसे झुलसा रही थी। मासूम लगातार रो-रोकर शायद मां से यही पूछ रही थी कि अगर मुझे यूं ही ङ्क्षजदगी देकर लावारिस फेंक देना था तो जन्म ही क्यों दिया। आखिर, मेरा क्या कसूर? मां तुम भी तो किसी की बेटी हो, फिर बेटियों से इतनी नफरत क्यों?
ऐसी क्या मजबूरी रही
नवजात ब'ची को मां ने आखिर क्यों छोड़ दिया, ऐसी क्या मजबूरी थी? इस तरह के सवाल लोगों के जेहन में गूंज रहे थे। शायद उसे बेटी होने की सजा मिली। मां के सामने जरूर कोई मजबूरी रही होगी, तभी उसने उसे ठुकराया, लेकिन इसमें ब'ची का तो कोई दोष नहीं है।
स्वस्थ है नवजात
कपड़े में लिपटी मिली नवजात की नाल भी नहीं कटी थी। पुलिस उसे जिला महिला चिकित्सालय ले गई। सीएमएस डॉ. जेपी शर्मा ने बताया कि ब'ची को एसएनसीयू वार्ड में रखा गया है। ब'ची पूर्ण रूप से स्वस्थ है। वहीं, इंस्पेक्टर क्वार्सी छोटेलाल ने बताया कि हल्का चौकी इंचार्ज अवनीश कुमार की ओर से अज्ञात माता-पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।