New National Education Policy: नए सत्र से पहले टैबलेट मिलने की उम्मीद ने खींच दी माथे पर लकीरें, जानिए विस्तार से
New National Education Policy प्रदेश सरकार ने नए सत्र से पहले बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को टैबलेट बांटने की योजना बनाई है। नए सत्र से पहले टैबलेट मिलने की सुगबुगाहट ने गुरुजनों के माथे पर चिंता की लकीरें भी खींच दी हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार ने नए सत्र से पहले बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को टैबलेट बांटने की योजना बनाई है। नए सत्र से पहले टैबलेट मिलने की सुगबुगाहट ने गुरुजनों के माथे पर चिंता की लकीरें भी खींच दी हैं। हालांकि टैबलेट न दिए जाने तक कोई भी सरकारी एप अपने मोबाइल में डाउनलोड न करने और अत्याधुनिक तकनीकी से काम न करने का शिक्षकों ने ऐलान किया था लेकिन अब जब टैबलेट मिलने की घड़ी धीरे-धीरे पास आ रही है तो चिंता की लकीरें भी खिंचने लगी हैं। केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया है। इसके तहत ही विद्यार्थियों व शिक्षकों को अब शिक्षण कार्य के लिए तैयार होना है।
यह है शिक्षा नीति
शिक्षा नीति का सही से क्रियान्वयन हो इसके लिए सबसे जरूरी है शिक्षकों का पूरे मनोवेग से उसमें सहयोग होना। ये तभी होगा जब शिक्षक गंभीरता के साथ विद्यालयों में नियमित होंगे और अपनी जिम्मेदारियों को निभाएंगे। इसके लिए शासनस्तर से भी मनमर्जी करने वाले शिक्षकों पर कड़ाई करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत अब अगर गुरुजन लोकेशन के फेर में पड़ गए तो कार्यदिवस में उनकी वेकेशन लग जाएगी। साथ ही कार्रवाई होगी वो अलग से। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को अब अपनी हाजिरी समय से लगाने के लिए स्कूल में उपस्थित होना पड़ेगा। शिक्षकों की उपस्थिति प्रेरणा पोर्टल पर आनलाइन माध्यम से लगाने की व्यवस्था शुरू की गई है। स्कूल समय पर समय से उपस्थित न रहने वाले शिक्षकों को अब स्कूल से दूर रहकर उपस्थिति लगाने पर दंड भी मिलेगा। नई व्यवस्था के तहत शिक्षक विद्यालय से दूर रहते हुए आनलाइन उपस्थिति नहीं लगा सकेंगे। टैबलेट के जरिए प्रेरणा एप पर जब शिक्षक हाजिरी लगाएंगे तो उनको लोकेशन आन करनी होगी। तभी हाजिरी का आप्शन खुलेगा।
शिक्षकों की खुल सकती है पोल
लोकेशन आन होने से शिक्षक की वास्तविक जगह का पता पोर्टल पर चलेगा। पूर्व में हाथरस में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के स्टाफ से इस संबंध में स्पष्टीकरण भी मांगा जा चुका है। वहां स्टाफ ने विद्यालय के आस-पास क्षेत्र में रहते हुए अपनी हाजिरी पोर्टल पर दर्ज की थी। इस प्रकरण में सात लोगों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया। अब जिले में भी इस व्यवस्था के तहत ही हाजिरी लगाने का काम शुरू किया जाएगा। सभी शिक्षकों के नाम व मोबाइल नंबर पोर्टल पर फीड करने के काम को लगभग पूरा कर लिया गया है। जिले में करीब 5500 नियमित शिक्षक, 2500 शिक्षामित्र व करीब 1500 अनुदेशक सरकारी स्कूलों में पढ़ाते हैं। इनकी हाजिरी प्रेरणा पोर्टल के जरिए ही लगाई जाएगी।