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Naeem Karori : बाबा का धाम...जहां बेटियों के पीले होते हैं हाथ Aligarh News

वैसे तो मंदिर भक्ति का केंद्र होते हैं मगर आगरा रोड पर नगला मंदिर स्थित बाबा नींम करौरी धाम सेवा में भी आगे है। मंदिर की ओर से गरीब कन्याओं का विवाह कराया जाता है। नेत्र शिविर भी लगाया जाता है

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 02:46 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 02:46 PM (IST)
Naeem Karori : बाबा का धाम...जहां बेटियों के पीले होते हैं हाथ Aligarh News
। मंदिर की ओर से गरीब कन्याओं का विवाह कराया जाता है। नेत्र शिविर भी लगाया जाता है,

अलीगढ़, राजनारायण सिंह। वैसे तो मंदिर भक्ति का केंद्र होते हैं, मगर आगरा रोड पर नगला मंदिर स्थित बाबा नींम करौरी धाम सेवा में भी आगे है। मंदिर की ओर से गरीब कन्याओं का विवाह कराया जाता है। नेत्र शिविर भी लगाया जाता है, जिसमें प्रत्येक वर्ष 100-150 मोतियाबिंद के मरीजों का आपरेशन भी कराया जाता है। मंदिर का प्रत्येक सदस्य इन सेवाकार्यों के लिए सदैव तत्पर रहता है। बेटियों की शादी में तो जरुरत के सामान देने के लिए पदाधिकारियों में होड़ मच जाती है। दावत आदि का भी सब इंतजाम मंदिर की ओर से कराया जाता है। छह वर्षों में 50 से अधिक कन्याओं की शादी मंदिर कमेटी के पदाधिकारी करा चुके हैं। 

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यह है नींम करौरी धाम मंदिर की खासियत 

आगरा रोड स्थित बाा नींम करौरी धाम मंदिर का निर्माण 2015 में हुआ था। भक्त गोपाल अचार वाले बताते हैं कि मंदिर के निर्माण में समाज के लोगों ने सहयोग किया। मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। मंदिर निर्माण के बाद से भजन-कीर्तन के साथ सेवाकार्य भी प्रारंभ हो गए। 2016 में तीन गरीब कन्याओं का विवाह कराया गया था। इसमें पदाधिकारियों से लेकर भक्तों ने सहयोग किया। बेटियों को बेड, वाशिंग मशीन, अलमारी, सिलाई मशीन आदि दी गई। विदाई के समय बेटियों की आंखे झलक आईं। वह बोलीं, इतने अच्छे से इंतजाम शायद घर के लोग भी नहीं कर पाते, इसके बाद से मंदिर के कमेटी के पदाधिकारियों का हौसला बढ़ गया। उन्होंने निर्णय लिया कि यदि कोई भी गरीब कन्या मंदिर में आएगी तो उसके विवाह की पूरी व्यवस्था मंदिर की ओर से की जाएगी। इसके बाद कन्याओं के विवाह का सिलसिला शुरू हो गया। हर साल आठ से दस गरीब कन्याओं का विवाह कराया जाता है। कमेटी के पदाधिकारियों का कहना है कि एक-एक बार में 200 बरातियों का स्वागत होता है। उनके स्वागत और प्रसाद के लिए लोग दौड़ पड़ते हैं। हर कोई सेवा करने के लिए तत्पर रहता है। 

400 आपरेशन कराए गए 

मंदिर में हर साल मोतियाबिंद के मरीजों के लिए शिविर भी लगाया जाता है। चेकअप के दौरान करीब 100-150 मरीजों का नि:शुल्क आपरेशन भी कराया जाता है। दवा आदि की भी व्यवस्था मंदिर कमेटी की ओर से कराई जाती है। इन वर्षों में करीब 400 मरीजों के मोतियाबिंद के आपरेशन कराए जा चुके हैं। गोपाल अचार वाले और पुनीत बंटी का कहना है कि बाबा की कृपा इतनी है कि सारे काम अपने आप हो जाते हैं। ऐसा सिलसिला बन जाता है सेवा करने वाले भक्तों की कतार लग जाती है।


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