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कमाल का है सरसों का तेल, बीमारियों से रखे का दूर, जानिए लाभ Aligarh news

बीमारियों से बचाव के लिए अब लोगों में देसी दवाओं के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। योग गुरु पवन सिंह कहते हैं कि यदि प्रतिदिन व्यक्ति नाभि में सरसों के तेल का प्रयोग करता है तो वो बीमारियों से बचा रहेगा।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 12:04 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 12:15 PM (IST)
कमाल का है सरसों का तेल, बीमारियों से रखे का दूर, जानिए लाभ Aligarh news
यदि प्रतिदिन व्यक्ति नाभि में सरसों के तेल का प्रयोग करता है तो वो बीमारियों से बचा रहेगा।

अलीगढ़, जेएनएन ।  बीमारियों से बचाव के लिए अब लोगों में देसी दवाओं के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। योग गुरु पवन सिंह कहते हैं कि यदि प्रतिदिन व्यक्ति नाभि में सरसों के तेल का प्रयोग करता है तो वो बीमारियों से बचा रहेगा। उनका दावा है कि कोरोना से भी ऐसे लोग बचे रहेंगे। योग गुरु का कहना है कि पहले दादी-नानी बच्चे को इसीलिए सरसों के तेल से मालिश करती थीं। यह विभिन्न बीमारियों से बचाव करता है।

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 योग-प्राणायाम देती हैं आराम

योग गुरु पवन काफी समय से योग-प्राणायाम का अभ्यास करा रहे हैं। उन्होंने योग के माध्‍यम से तमाम जटिल बीमारियों को ठीक किया है। सांस संबंधित बीमारी के मरीजों का तो वो दो मिनट में इलाज करते हैं। पवन का दावा है कि योग-प्राणायाम में ऐसी क्रियाएं हैं, जो पलभर में आराम देती है। हालांकि, इन्हें नियमित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरसों का तेल बहुत गुणकारी है। बशर्ते हम उसके महत्व को नहीं समझते। आजकल के परिवेश में तो कतई नहीं, इसलिए बच्चों को तेल लगाया ही नहीं जाता है। तमाम अन्य प्रकार के तेल तो लगा दिया जाएगा, मगर सरसों का तेल नहीं लगाया जाता है, इसी के चलते तमाम समस्याएं खड़ी हो रही हैं। पहले दादी-नानी सरसों के तेल से ही बच्चे की मालिश करतीं थीं। पवन बताते हैं कि प्रतिदिन स्नान से पहले सरसों का तेल लगाना चाहिए, उसके बाद स्नान करें, इससे आपके शरीर की त्वचा मुलायम रहेगी। साथ ही सुबह और शाम को सरसों का तेल नाभि में जरूर लगाएं। इससे पूरे शरीर की क्रियाएं ठीक रहती हैं। नाभि ही शरीर की केंद्र बिंदु है, उससे ही सारी क्रियाएं संचालित होती हैं। 

ये क्रियाएं भी जरूरी हैं

 योग गुरु पवन कहते हैं कि आज के समय में प्राणायाम बहुत जरूरी है। कपालभाति क्रिया करने से आपका शरीर पूरी तरह से स्वस्थ्य रहेगा। सर्प की उम्र लंबी इसलिए होती है क्योंकि वो कपालभाति क्रिया की तरह फुफकार मारा करता है, उससे उसका व्यायाम होता रहता है। अनुलोम-विलोम करना भी बहुत जरूरी है। इससे आपकी सांस की क्रिया ठीक रहेगी। आप अच्छे से सांस ले सकेंगे। साथ ही आपको आक्सीजन की कमी नहीं होगी। सूर्य नमस्कार नियमित करने की जरूरत है। क्योंकि इससे संपूर्ण शरीर का व्यायाम हो जाता है। पूरा शरीर आपका संचालित रहता है। वैसे तो प्रतिदिन 13 सूर्य नमस्कार अनिवार्य रुप से करने चाहिए। मगर, अभ्यास एक-एक सूर्य नमस्कार का करना चाहिए। करीब एक महीने अभ्यास के बाद फिर आप नियमित अभ्यास कर सकते हैं।

खाने-पीने का रखें विशेष ख्याल 

योग गुरु कहते हैं कि खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। लोग इसका ध्यान नहीं रखते हैं तो उससे आगे चलकर दिक्कत होने लगती है। सुबह नौ बजे अच्छे से नाश्ता करना चाहिए, दोपहर एक बजे तक भरपेट भोजन, शाम चार बजे हल्का सा कुछ ले लें। रात में यदि भोजन की जरूरत महसूस हो तो लें वरना दूध आदि से काम चला लें। अधिकतर फल, हरी सब्जी आदि का सेवन करना चाहिए। योग गुरु का कहना है कि हम लोग दिनभर कुछ न कुछ खाते रहते हैं। कहीं पर भी कुछ मिल गया तो शुरू हो जाते हैं, रुकने का नाम नहीं लेते हैं। ये स्थिति धीरे-धीरे समस्या खड़ी कर देती है। इसलिए बाहर का खाना एकदम बंद कर दें। हो सके तो दावतों में भी कुछ न खाएं-पीएं? क्योंकि वहां जिस तापमान में भोजन बनाया जाता है वो सेहत के लिए एकदम उचित नहीं रहता है। योगगुरु ने कहा कि यदि इतनी सावधानी बरत लेंगे तो आप पूरी तरह से स्वस्थ्य रहेंगे।


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