डेढ़ साल की बच्ची की हत्या में मां को उम्रकैद, विस्तार से जानेंं मामला
अलीगढ़ के थाना सासनी गेट क्षेत्र में बच्ची की हत्या के मामले में अदालत ने मां को दोषी माना है। मां को उम्रकैद की सजा सुनाई है। खास बात यह है कि इस मामले में गवाह मुकर गए थे। एक बालक की गवाही पर अदालत ने फैसला सुनाया है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना सासनीगेट क्षेत्र में करीब ढाई साल पहले अपनी डेढ़ साल की मासूम बच्ची की गला दबाकर हत्या करने के मामले में गुरुवार को एडीजे 12 सिद्धार्थ सिंह की अदालत ने फैसाला सुनाया है। अदालत ने दोषी मां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अहम बात यह है कि इस मामले में सभी गवाह मुकर गए थे। बावजूद ह्रदय विदारक घटना को देखते हुए अदालत ने एक बच्चे के बयानों के आधार पर फैसला सुनाया है।
बच्ची की गला दबाकर की थी हत्या
एडीजीसी प्रमेंद्र जैन के मुताबिक, यह घटना सासनीगेट क्षेत्र के सराय भोलानाथ में 13 फरवरी 2019 को हुई थी। इसमें रोशनलाल ने अपनी बेटी बबली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि बबली अपने तीन बच्चों को लेकर गभाना स्थित ससुराल से मायके आई हुई थी। 13 फरवरी को दोपहर ढाई बजे बबली के घर के एक कमरे में गई और दरवाजा बंद कर लिया था। बबली ने अपनी डेढ़ साल की बच्ची माही की गला दबाकर हत्या कर दी थी। जब अन्य दोनों बच्चों की चीख पुकार सुनाई दी, तब जाकर लोगों ने दरवाजा तोड़ा बबली को बच्चों को बाहर निकाला था। पुलिस ने बबली के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेज दिया था।
सभी गवाह मुकर गए थे
एडीजीसी प्रमेंद्र जैन ने बताया कि इसमें छह गवाह थे। गवाही के दौरान सभी मुकर गए थे। ऐसे में अदालत ने घटना के वक्त मौजूद रहे माही के बड़े भाई 12 वर्षीय आशीष को तलब किया था। उसी के बयानों के आधार पर अदालत ने फैसला सुनाया है। बबली पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत की इस कार्रवाई से वादी रोशनलाला संतुष्ट है। उन अपराधियों के लिये एक सबक है जो गवाहों को किसी भी तरह से अपने पक्ष में कर लेते हैं।