नए सॉफ्टवेयर के रडार पर आयकर चोर, कानपुर से होगी निगरानी
अब आप अपनी कमाई व खर्च नहीं छिपा सकेंगे। जो लोग इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सही जानकारी नहीं देते उन पर नजर रखी जाएगी। इसके लिए इंटर प्रोजेक्ट इनसाइट लांच हो चुका है।
By Edited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 10:44 AM (IST)
अलीगढ़ (जेएनएन)। अब आप अपनी कमाई व खर्च नहीं छिपा सकेंगे। जो लोग इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सही जानकारी नहीं देते उन पर नजर रखी जाएगी। इसके लिए 'इंटर प्रोजेक्ट इनसाइट' लांच हो चुका है। इसके तहत ऐसे लोगों को सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखी जाएगी, जो लोग महंगी चीजें खरीदते तो हैं लेकिन इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देने से बचते हैं। इसकी निगरानी कानपुर मुख्यालय से होगी।
ऐसे पकड़े जाएंगे आयकर चोर
जिन नवधनाढय़ों ने रिटर्न दाखिल करने में गड़बड़ी की है अथवा कोशिश की है। ऐसे लोगों की आर्थिक कुंडली खगालने के लिए 'इंटर प्रोजेक्ट इनसाइट' काम करेगी। आयकर विभाग पहले भी बिग डाटा सॉफ्ट वेयर लांच कर चुका है। इसके जरिये सूचनाओं को एकत्रित किया जाएगा। टैक्स ट्रेकर के जरिये पारंपरिक तरीके से बैंक का लेन देन, तहसील के रजिस्ट्रार आफिस से प्रोपर्टी की खरीद बिक्री का डाटा, परिवहन विभाग से वाहनों की जानकारी, विदेशी यात्रा का ब्यौरा एकत्रित किया जाएगा।
सोशल साइट से जुटाया जाएगा डाटा
महंगी शॉपिंग के साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी सोशल साइट से भी डाटा जुटाया जाएगा। अगर रिटर्न दाखिल के दौरान सही जानकारी न देने वालों को नोटिस मिलना तय है।
100 बड़े कर चोरों को पकडऩे की है योजना
यह सॉफ्ट वेयर एक अप्रैल से अपना काम शुरू करता। मगर तकनीक की कमी के चलते पूर्ण रूप से शुरू नहीं हुआ। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कंप्यूटर सेक्सन ने प्रशिक्षण चल रहा है। अब चुनाव को लेकर व्यस्तता हो गई है। कार्यशाला भी इससे प्रभावित हुई है। सूत्रों ने बताया है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कानपुर को 100 बड़े टैक्स चोर चिह्नित करने का लक्ष्य दिया है। ऑन लाइन जुटाए जाने वाले दस्तावेज जांच के बिंदु होंगे।
राजस्व बढ़ाने के लिए होगा ब्रहृमास्त्र
'इंटर प्रोजेक्ट इनसाइट' राजस्व बढ़ाने के लिए ब्रहृमास्त्र साबित होगा। आयकर विभाग की जांच विंग कानपुर मुख्यालय से संबंद्ध है। अर्से बाद इस बार आयकर विभाग ने राजस्व वसूली को लेकर दिया गया टारगेट पूरा नहीं किया है। 285 करोड़ के स्थान पर 206 करोड़ रुपया टैक्स के रूप में जुटाया जा सका है। अलीगढ़ परिक्षेत्र के एटा, हाथरस, कासगंज, मैनपुरी फर्रुखाबाद, कन्नौज व अलीगढ़ में नए धन कुबेर भी हैं।
आयकर विभाग के लिए रामवाण होगा साबित
सीए अवन कुमार सिंह का कहना है कि आयकर विभाग का यह नया सॉफ्ट वेयर डाटा रामवाण साबित होगा। एनालिटिक्स, अलर्ट मैनेजमेंट और केस एनालिटिक्स से नजर रखी जाएगी। परिणाम को हाईटैक तकनीक से लिंक कर दिया जाएगा। सैकडों में पैन, आधार, इनकम टैक्स रिटर्न से मिलान किया जाएगा। खर्च व आय का मिलान होगा। परमानेंट अकाउंट नंबर का मिलान इनकम टैक्स रिटर्न के साथ होगा। इसके वैरीफिकेशन से पकड़ी जाएगी कर चोरी।
ऐसे पकड़े जाएंगे आयकर चोर
जिन नवधनाढय़ों ने रिटर्न दाखिल करने में गड़बड़ी की है अथवा कोशिश की है। ऐसे लोगों की आर्थिक कुंडली खगालने के लिए 'इंटर प्रोजेक्ट इनसाइट' काम करेगी। आयकर विभाग पहले भी बिग डाटा सॉफ्ट वेयर लांच कर चुका है। इसके जरिये सूचनाओं को एकत्रित किया जाएगा। टैक्स ट्रेकर के जरिये पारंपरिक तरीके से बैंक का लेन देन, तहसील के रजिस्ट्रार आफिस से प्रोपर्टी की खरीद बिक्री का डाटा, परिवहन विभाग से वाहनों की जानकारी, विदेशी यात्रा का ब्यौरा एकत्रित किया जाएगा।
सोशल साइट से जुटाया जाएगा डाटा
महंगी शॉपिंग के साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी सोशल साइट से भी डाटा जुटाया जाएगा। अगर रिटर्न दाखिल के दौरान सही जानकारी न देने वालों को नोटिस मिलना तय है।
100 बड़े कर चोरों को पकडऩे की है योजना
यह सॉफ्ट वेयर एक अप्रैल से अपना काम शुरू करता। मगर तकनीक की कमी के चलते पूर्ण रूप से शुरू नहीं हुआ। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कंप्यूटर सेक्सन ने प्रशिक्षण चल रहा है। अब चुनाव को लेकर व्यस्तता हो गई है। कार्यशाला भी इससे प्रभावित हुई है। सूत्रों ने बताया है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कानपुर को 100 बड़े टैक्स चोर चिह्नित करने का लक्ष्य दिया है। ऑन लाइन जुटाए जाने वाले दस्तावेज जांच के बिंदु होंगे।
राजस्व बढ़ाने के लिए होगा ब्रहृमास्त्र
'इंटर प्रोजेक्ट इनसाइट' राजस्व बढ़ाने के लिए ब्रहृमास्त्र साबित होगा। आयकर विभाग की जांच विंग कानपुर मुख्यालय से संबंद्ध है। अर्से बाद इस बार आयकर विभाग ने राजस्व वसूली को लेकर दिया गया टारगेट पूरा नहीं किया है। 285 करोड़ के स्थान पर 206 करोड़ रुपया टैक्स के रूप में जुटाया जा सका है। अलीगढ़ परिक्षेत्र के एटा, हाथरस, कासगंज, मैनपुरी फर्रुखाबाद, कन्नौज व अलीगढ़ में नए धन कुबेर भी हैं।
आयकर विभाग के लिए रामवाण होगा साबित
सीए अवन कुमार सिंह का कहना है कि आयकर विभाग का यह नया सॉफ्ट वेयर डाटा रामवाण साबित होगा। एनालिटिक्स, अलर्ट मैनेजमेंट और केस एनालिटिक्स से नजर रखी जाएगी। परिणाम को हाईटैक तकनीक से लिंक कर दिया जाएगा। सैकडों में पैन, आधार, इनकम टैक्स रिटर्न से मिलान किया जाएगा। खर्च व आय का मिलान होगा। परमानेंट अकाउंट नंबर का मिलान इनकम टैक्स रिटर्न के साथ होगा। इसके वैरीफिकेशन से पकड़ी जाएगी कर चोरी।
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