मोबाइल नेटवर्क बन रहा साइबर शातिरों के लिए वरदान Aligarh news
मोबाइल नेटवर्क की जिस आधुनिक तकनीक के माध्यम से पुलिस बदमाशों को खोज निकालती है क्षेत्र की अन्य राज्यों और जिलों से सीमाएं लगी होने से ठगी के लिए काल करने के कुछ मिनट बाद ही शातिर अपनी लोकेशन बदल लेते हैं।
अलीगढ़, जेएनएन : मोबाइल नेटवर्क की जिस आधुनिक तकनीक के माध्यम से पुलिस बदमाशों को खोज निकालती है, वही चंबल के बीहड़ में सक्रिय साइबर शातिरों के लिए वरदान बन रही है। क्षेत्र की अन्य राज्यों और जिलों से सीमाएं लगी होने से ठगी के लिए काल करने के कुछ मिनट बाद ही शातिर अपनी लोकेशन बदल लेते हैं। उनके इस पैंतरे से पुलिस चकरघिन्नी बनी रहती है। यही वजह है कि यहां सक्रिय गैंग में से अभी तक आधे गैंग ही पकड़े जा सके हैं। खेलो इंडिया गेम्स के नाम पर ठगी करने वाले शातिरों को जेल भेजने के बाद जांच में जुटी पुलिस के सामने ये तथ्य आए हैं। अब पुलिस इसका तोड़ निकाल रही है। बाह और पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी के किनारे के गांवों और बीहड़ में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्यप्रदेश का भी मोबाइल नेटवर्क आता है।
टावर का नाम लिखा आता है
शातिरों को वे स्थान पता हैं, जहां से मोबाइल टावर की लोकेशन बदली जा सकती है। मोबाइल में दूसरे राज्य के टावर का नाम लिखा आ जाता है, इससे उन्हें और आसानी होती है।
घरों में भी मध्यप्रदेश का नेटवर्क
कुछ गांवों के तो घरों में भी मोबाइल मध्यप्रदेश का नेटवर्क कैच करता है। ठगी के किसी मामले में यदि पुलिस को शातिरों का मोबाइल नंबर मिल भी जाता है, तो भी पुलिस उन्हेंं दूसरे राज्यों का मानकर पकड़ नहीं पाती। फीरोजाबाद और इटावा जिलों की सीमा लगने के कारण यहां के मोबाइल टावर से भी नेटवर्क मिलता है।