MLC Election : अब दिन हैं कम, देखते हैं किसमें है कितना दम Aligarh News
स्नातक और शिक्षक एमएलसी का चुनाव इस बार बेहद रोचक बन गया है भाजपा इस चुनाव में पहली बार पूरी दमदारी से मैदान में उतरी है। इसलिये इस बार स्नातक और शिक्षक एमएलसी के चुनाव पर अधिकांश की निगाह टिकी हुई है।
अलीगढ़, जेएनएन। आगरा खंड निर्वाचन क्षेत्र स्नातक और शिक्षक एमएलसी का चुनाव इस बार बेहद रोचक बन गया है भाजपा इस चुनाव में पहली बार पूरी दमदारी से मैदान में उतरी है। इसलिये इस बार स्नातक और शिक्षक एमएलसी के चुनाव पर अधिकांश की निगाह टिकी हुई है। अंतिम समय में सभी दल और शिक्षक संगठन पूरी ताकत लगाए हुए हैं।
भाजपा का पूरा संगठन चुनाव में जुटा
आगरा खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र और शिक्षक एमएलसी का चुनाव एक दिसंबर को है। आगरा खंड में कुल 12 जिले हैं। यदि अलीगढ़ से देखा जाए तो चार प्रत्याशी हैं। हालांकि, आगरा खंड में कुल 30 से अधिक प्रत्याशी हैं। पहली बार एमएलसी के चुनाव के लिए भाजपा ने इतनी दमदारी से दम भरा गया। पूरा संगठन इस समय चुनाव में जुटा हुआ है। भाजपा ने इस बार चुनाव में बूथ अध्यक्ष तक की टीम को सक्रिय कर दिया है। अभी हाल में आगरा आये प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने जनप्रतिनिधियों को कह दिया यह चुनाव 2022 का भविष्य तय करेगा। भाजपा इस चुनाव के माध्यम से अपनी आगामी विधानसभा चुनाव की जमीन टटोल रही है। वो देखना चाहती है कि इस चुनाव में वो कितना पानी में है, उसी के अनुसार वो आगामी चुनाव की तैयारी करेगी।
सपा ने लगाया जोर
कमोवेश यही स्थिति सपा की भी है। सपा से शिक्षक प्रत्याशी हेवेन्द्र सिंह उर्फ हऊआ चौधरी मैदान में हैं। स्नातक में असीम यादव मैदान में हैं। वह वर्तमान में एमएलसी हैं। सपा भी चुनाव के माध्यम से जमीनी हकीकत जाना चाहती है कि आखिर कैसी स्थिति है, जिससे आगामी 2022 के भविष्य के बारे में पता लगाया जा सके। उधर, माध्यमिक शिक्षक संघ से जगवीर किशोर जैन मैदान में हैं। वह चार बार शिक्षक एमएलसी रह चुके हैं। शिक्षकों में अच्छी शाख है। 12 जिलों में शिक्षकों की टीम लगी हुई है। माध्यमिक, विश्व विद्यालय, और सीबीएसई के टीचर दिन रात जुटे हुए हैं। शिक्षक संगठन की ओर से डॉक्टर अनूप शर्मा भी मैदान में हैं। उनका कहना है कि 28 साल का शिक्षण कार्य काफी काम आ रहा है। सुबह से लेकर शाम तक पूरी टीम जुटी हुई है।
खूब चल रहे हैं तीखे बाण
भले ही यह चुनाव सीधे जनता से जुड़ा न हो, मगर चुनाव प्रचार में एक-दूसरे पर जमकर तीखे बाण छोड़े जा रहे हैं। भाजपा दावा कर रही है कि उनके प्रत्याशी जीते तो शिक्षकों के हित में सबसे बेहतर काम करेंगे। वहीं सपा के नेता कह रहे हैं कि भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार को जनता देख चुकी है। इसलिए सपा प्रत्याशी जीतेंगे।