मानसिक रोगियों को चाहिए दवा, मिल रही बस ‘ गोली ’ Aligarh News
एक तरफ तो सरकार मानसिक रोग से ग्रस्त मरीजों के इलाज व काउंसिलिंग पर खूब जोर दे रही है। इसके लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ साइको थेरेपिस्ट व क्लीनिकल काउंसलरों की नियुक्ति की गई है। जिला अस्पताल में मानसिक रोग विभाग की स्थापना भी हुई हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। एक तरफ तो सरकार मानसिक रोग से ग्रस्त मरीजों के इलाज व काउंसिलिंग पर खूब जोर दे रही है। इसके लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ, साइको थेरेपिस्ट व क्लीनिकल काउंसलरों की नियुक्ति की गई है। जिला अस्पताल में मानसिक रोग विभाग की स्थापना भी हुई हैं। यहां रोजाना काफी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। चिंता की बात ये है कि विशेषज्ञों के पास दवा ही नहीं है। जो दवाएं थीं, वे एक्सपायर हो गईं। बार-बार रिमाइंडर भेजने पर दवा नहीं आई है। इससे मिर्गी, अनिद्रा व डिप्रेशन आदि की सामान्य दवा तक नहीं हैं।
बढ़ रहे मानसिक रोगी
अलीगढ़ ही नहीं, समूचे उप्र समेत देशभर में मानसिक रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मानसिक रोगों में मुख्य रूप से वृहद अवसादग्रस्तता (मेजर डिप्रेसिव डिसआर्डर), एकाग्रता विहीन सक्रियता का विकार (अटेंशन डेफिसिट हायपर एक्टिव डिसआर्डर), व्यवहार सम्बन्धी विकार (आटिज्म), नशीले पदाथरें पर निर्भरता, भय, उन्माद, बहुत चिंता होने का विकार (एंग्जायटी), मनोभ्रम-मनोनाश (डिमेंशिया), मिर्गी, स्कीजोफ्रेनिया, मानसिक कष्ट (डिस्थीमिया) आदि प्रमुख हैं। अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में हर छठवां व्यक्ति किसी न किसी रूप में मानसिक बीमारी से ग्रस्त है। जनपद में यही स्थिति है।
दवा खत्म होने से परेशानी
जिला अस्पताल में करीब साढ़े तीन साल पूर्व मानसिक रोग विभाग की स्थापना की गई। अक्सर यहां दवा की किल्लत हो जाती है। पिछले ढाई-तीन माह से विभाग में दवा नहीं हैं, जो पुरानी दवा थी वे लाकडाउन के दौरान एक्सपायर हो गईं। तब से नई दवा नहीं भेजी गई हैं। दरअसल, यहां दवा की सप्लाई सीधे लखनऊ से होती है। दवा खत्म होने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। विशेषज्ञ भी इससे चिंतित हैं। मरीजों को सिर्फ सलाह दे रहे हैं। मरीज बाहर से महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हैं। कई बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी दवा नहीं आई हैं।
मैंने शनिवार को ही लखनऊ बात की है। पुनः डिमांड भेजी जा रही है। उम्मीद है कि कुछ दिनों में दवा मिल जाएगी।
- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।