Move to Jagran APP

अलीगढ़ में हरियाली को मिली हवा

पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना हरियाली ही कर सकती है लेकिन इसे कोई गंभीरता से नहीं ले रहा। पौधारोपण अभियान में गली मोहल्ले कालोनी और फुटपाथों पर लगे ज्यादातर पौधे देखरेख के अभाव में मुरझा गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 09:22 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 09:22 PM (IST)
अलीगढ़ में हरियाली को मिली हवा
अलीगढ़ में हरियाली को मिली हवा

जासं, अलीगढ़ : पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना हरियाली ही कर सकती है, लेकिन इसे कोई गंभीरता से नहीं ले रहा। पौधारोपण अभियान में गली, मोहल्ले, कालोनी और फुटपाथों पर लगे ज्यादातर पौधे देखरेख के अभाव में मुरझा गए। लोगों से इतना तक नहीं हुआ कि सुबह-शाम इन पौधों में पानी दे दें, जानवरों से इन्हें बचा लें। वे सरकारी इंतजामों का इंतजार करते रहे। पिछले साल लगाए गए लाखों पौधे इसी अनदेखी का शिकार हुए हैं। वहीं, नगर निगम द्वारा गांव एलमपुर में लगाए गए पौधे पनप रहे हैं। ये औषधीय पौधे तीन से चार फुट ऊंचे हो गए हैं।

loksabha election banner

नगर निगम ने सिटी फारेस्ट प्रोजेक्ट के तहत सघन पौधारोपण के लिए बीते साल कुछ स्थान चिह्नित किए थे। इनमें कयामपुर बाईपास, घुड़ियाबाग और एलमपुर भी था। कयामपुर बाईपास और एलमपुर में नगर निगम ने अपनी भूमि पर जापानी तकनीकी से सघन पौधारोपण कराया। दोनों ही स्थानों को बाउंड्रीवाल व तारबंदी कर सुरक्षित किया गया। पौधों के लिए खाद, पानी की समुचित व्यवस्था हुई। देखभाल के लिए कर्मचारी तैनात किए। प्रयास सफल रहे और पौधे तेजी से बढ़ने लगे। सालभर में पौधे तीन से चार फुट ऊंचे हो गए हैं। सहायक नगर आयुक्त राजबहादुर सिंह बताते हैं कि सिटी फारेस्ट के तहत सघन जंगल विकसित किए जाते हैं। पौधारोपण के दौरान ध्यान रखना पड़ता है कि पौधों के बीच का अंतर अधिक न हो। इससे पौधे जल्दी विकसित होते हैं। धूप जड़ों तक नहीं पहुंचती, इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है। पौधे भी ऊपर की ओर बढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि औषधीय पौधों का उपयोग अधिक किया गया है। फलदार पौधे भी लगाए हैं। जंगल विकसित होने पर शहर में उत्पात मचा रहे बंदरों को यहां सुरक्षित और संरक्षित क्षेत्र मिल जाएगा। भोजन के लिए फलदार वृक्ष भी होंगे। प्रदूषण को कम करने में ये जंगल सहायक होंगे। कुछ अन्य स्थानों पर भी सिटी फारेस्ट विकसित करने की योजना नगर निगम द्वारा बनाई जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.